×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टराजनीतिराज्य

पहलगाम आतंकी हमला: एक महीने में भारत का जवाब और बदलाव की कहानी

नोएडा: कश्मीर की वादियों में 22 अप्रैल की सुबह भी आम दिनों जैसी शांत और खूबसूरत थी। पहलगाम का बैसरन, जिसे ‘कश्मीर का स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, सैलानियों से गुलजार था। लेकिन दोपहर तक यह शांत वादी खून से लाल हो चुकी थी।

आतंकी हमले ने तोड़ा देश का दिल

दोपहर के वक्त आतंकियों का एक समूह वहां पहुंचा और कथित तौर पर पर्यटकों से धर्म पूछने लगा। जब कुछ लोग कलमा नहीं पढ़ सके, तो उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। पूरे देश में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा, पाकिस्तान खामोश

इस जघन्य हमले की दुनिया भर के देशों ने निंदा की। भारत के साथ एकजुटता जताई गई। लेकिन पाकिस्तान की ओर से इस बर्बरता पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जिससे उसकी मंशा पर फिर सवाल उठे।

पीएम मोदी ने रोकी सऊदी यात्रा, अमित शाह पहुंचे कश्मीर

हमले की गंभीरता को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की यात्रा बीच में ही रोक दी और देश लौट आए। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को तत्काल श्रीनगर भेजा, जिन्होंने अगले दिन घटनास्थल का दौरा किया।

उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए कड़े फैसले

भारत लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए।

भारत की जवाबी कार्रवाई: पाकिस्तान को झटका

1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।

2. अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने का निर्देश जारी किया गया।

3. भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया।

4. पाक उच्चायोग के अधिकारियों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया।

ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख भूमिकाएं:

1. आतंकी नेटवर्क की पहचान और सफाया 

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की पहचान कर उन्हें टारगेट किया। कई छापेमारी अभियान चलाए गए, जिनमें दर्जनों संदिग्धों को पकड़ा गया और कई टॉप आतंकी ढेर किए गए।

2. सीमापार सर्जिकल एक्शन (गोपनीय) 

हालांकि भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की, लेकिन खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के तहत LoC पार कर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को भी टारगेट किया गया। यह पाकिस्तान को एक सीधा संदेश था कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा।

3. स्थानीय नेटवर्क पर कड़ा शिकंजा:

कश्मीर घाटी में आतंकियों को पनाह देने वाले लोकल नेटवर्क को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना बनाया गया। हिज्बुल और लश्कर जैसे संगठनों के सपोर्टरों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई।

4. मनोवैज्ञानिक दबाव:

इस ऑपरेशन के जरिए सरकार ने आतंकियों और उनके सरपरस्तों पर राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य दबाव बनाया। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत ने इस हमले को उठाया, जिससे पाकिस्तान की छवि और खराब हुई।

5. सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव:

ऑपरेशन सिंदूर के बाद कश्मीर में पर्यटकों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर नई रणनीति अपनाई गई। अत्याधुनिक तकनीक, ड्रोन निगरानी, और कमांड सेंटर की मदद से अब घाटी को ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है।

निष्कर्ष:

22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले ने न सिर्फ भारत को झकझोरा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चेताया कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना समय की मांग है। भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है—अब चुप नहीं बैठा जाएगा।

Divya Gupta

Tags

Related Articles

Back to top button
Close