दंडः यमुना में दूषित पानी बहाने पर नोएडा विकास प्राधिकरण पर 100 करोड़ जुर्माना
दिल्ली जल बोर्ड पर भी एनजीटी ने 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
नोएडा। नहरों और यमुना में दूषित पानी के प्रवाह को नहीं रोक पाने के मामले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नोएडा विकास और दिल्ली जल बोर्ड पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया है।
यहां मिली जानकारी के अनुसार एनजीटी ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपये और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
मानकों के अनुसार काम नहीं कर रहे एसटीपी
एनजीटी ने तय मानकों के अनुसार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) काम नहीं करने और दूषित पानी नोएडा, कोंडली ड्रेन के जरिये यमुना नदी में बहाने के लिए यह जुर्माना लगाया है।
एनजीटी ने जुर्माने की राशि सीपीसीबी के खातों में जमा करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने कहा जुर्माना की रकम का इस्तेमाल पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को हुए नुकसान की भरपाई के काम पर पर खर्च किया जाएगा।
एनजीटी में 12 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। एनजीटी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को संबंधित एजेंसियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है।
एनजीटी ने कहा कि नोएडा की बहुमंजिला इमारतों में न तो पर्याप्त संख्या में एसटीपी हैं और न ही तय मानक के अनुसार वह काम कर रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित एसटीपी भी तय मानक से काम नहीं कर रहे हैं।