अर्थदंडः पालतू कुत्ते के काटने पर मालिक को देना होगा दस हजार रुपये, इलाज भी कराना होगा
नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की 207वीं बैठक में 12 में से 6 एजेंडा को मिली मंजूरी, कुछ अगली बैठक में किए जाएंगे प्रस्तुत
नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की यहां मुख्य प्रशासनिक खंड कार्यालय सेक्टर-6 में शनिवार को हुई बैठक में छह एजेंडा स्वीकार हुए। बैठक में 12 एजेंडा रखे गए थे। बैठक की अध्यक्षता गौतमबुद्ध नगर जिले की तीनों विकास प्राधिकरणों (नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने की।
डॉग व स्ट्रक्चर ऑडिट पालिसी पारित
नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की यह 207वीं बैठक थी। बैठक में डॉग पालिसी और स्ट्रक्चर ऑडिट पालिसी दोनों को पारित कर दिया गया। लेकिन यह अमल में तब आएगा जब इन पर लोगों की आपत्तियां एवं सुझाव आने पर उन्हें शामिल कर लिया जाएगा। स्पोर्ट्स सिटी में सीएजी की आपत्ति और क्रियान्वयन में आ रही दिक्तों के मद्देनर डेवलपर की ओर से प्रस्तुत ले-आउट प्लान के प्रस्ताव को होने वाली अगली बोर्ड में प्रस्तुत करने का निर्णय हुआ।
गाइडलाइन के अनुसार डॉग पॉलिसी तैयार
शहर में आए दिन कुत्तों के काटने की कई शिकायतें नोएडा विकास प्राधिकरण को मिली हैं। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार डॉग पॉलिसी तैयार की है।
1-अब एनपीआरए के जरिये 31 मार्च तक नोएडा में कुत्ते और बिल्ली दोनों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
2-पालतू कुत्ते का स्ट्रेलाइजेशन और एंटीरेबीज वैक्सीनेशन कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं कराने पर अगले साल मार्च से हर महीने दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा।
3-नोएडा विकास प्राधिकरण एओए, आरडब्ल्यूए और ग्रामवासियों की सहमति से अपने खर्च पर डाग्स शेल्टर बनाएगा। इनमें बीमार, उग्र और आक्रामक हो चुके कुत्तों को रखा जाएगा। उनकी निगरानी होगी। इन शेल्टर के रखरखाव की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए, एओए की होगी।
4-डॉग फीडर्स की मांग पर उनके सहयोग से आवश्यकता होने पर आरडब्ल्यूए और एओए की ओर से बाहरी क्षेत्र में फीडिंग एरिया तय किए जाएंगे। वहां पर उनके द्वारा सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। खाने-पीने की व्यवस्था आरडब्ल्यूए, एओए और फीडर्स करेंगे।
5-कुत्ते द्वारा कोई अप्रिय घटना की जाती है तो उसके मालिक पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा और घायल का इलाज कुत्ते के मालिक को कराना होगा।
स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी स्वीकृत
नोएडा महानगर में 116 परियाजाएं हैं। इनमें से 43 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जिसमें 36710 यूनिट हैं। 63 निर्माणाधीन परियोजनाओं में 92 हजार 300 यूनिट का निर्माण कार्य जारी है। 87 हजार की ओसी जारी की जा चुकी है। यह पॉलिसी तीन मेजर डिफेक्ट पर आधारित है। पहली, इमारत के फाउंडेशन में क्रेक और डैमेज। दूसरी, फ्लोर व कॉमन एरिया में क्रेक और डैमेज और तीसरा, दीवारों में क्रेक और डेमेज।
1-प्राधिकरण ओसी जारी करने से पहले बिल्डर अपने खर्चे पर स्ट्रक्चर ऑडिट कराएगा। ये ऑडिट उसे प्राधिकरण की ओर से इम्पैनल्ड किए गए आईआईटी और एनआईटी से ही कराना होगा।
2-यदि स्ट्रक्चर ऑडिट के बाद 25 फीसद फ्लैट बॉयर्स की ओर से स्ट्रक्चर डिफेक्ट की शिकायत की जाती है तो प्राधिकरण की ओर से गठित समिति निर्णय लेगी कि डिफेक्ट मेजर है या माइनर। इसके बाद अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन एक्ट में स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करने की जिम्मेदारी दो साल तक बिल्डर की होगी। वहीं, रेरा अधिनियम के तहत पांच साल तक स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करने की जिम्मेदारी बिल्डर की और पांच साल बाद एओए की होगी। इस अवधि की गणना अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने के बाद की जाएगी।
3-यदि स्ट्रक्चर ऑडिट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो पांच साल के अंदर स्ट्रक्चर डिफेक्ट को बिल्डर की ओर से दूर किया जाएगा। दो से पांच साल की अवधि के प्रकरण में प्राधिकरण एजेंसी से ऑडिट करवाकर कमियों को दूर करने के लिए रेरा प्राधिकरण को कहेगा। इसके अलावा पांच साल से अधिक होने पर ये जिम्मेदारी एओए की होगी।
तब धनराशि हो जाएगी जब्त
नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से विभिन्न श्रेणी की योजनाओं के लिए ई-ऑक्शन किया गया। इसमें लोगों ने अव्यवहारिक बोली लगाई। उन्होंने धनराशि जमा करने में असमर्थता जताई। ऐसा दोबारा किसी योजना में न हो इसके लिए ऐसे आवेदनकर्ताओं की 100 फीसद ईएमएडी/ रजिस्ट्रेशन राशि जब्त कर ली जाएगी। तय समय सीमा में ही प्लाट सरेंडर किए जाएंगे। जिसमें प्रत्येक प्रकरण में न्यूनतम 30 फीसद राशि की कटौती कर ली जाएगी।
पुलिस को मिलेगी 55 पेट्रोलिंग वाहन
बैठक में शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण पुलिस को 55 नए पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। ये वाहन जल्दी ही उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इन्हें ब्लैक स्पाट पर तैनात किया जाएगा।
टेंडर में बदलाव
वाणिज्यिक परिसंपत्तियों के टेंडर में एकल बिड आने पर दो बार रोल ओवर की सुविधा थी। लेकिन न्यूनतम निविदाकारों की संख्या निर्धारित नहीं की गई थी। अब आगामी वाणिज्यिक भूखंड योजना में औद्योगिक और ग्रुप हाउसिंग की तरह ही तीन निविदाकारों से कम प्रतिभाग करने की स्थिति में पहले प्रकाशन के बाद अधिकतम दो रोल ओवर दिए जाएंगे।
बैठक में ये थे शामिल
नोएडा विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष के अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋतु माहेश्वरी, एसीईओ यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण मोनिका रानी के अलावा बोर्ड के अन्य अधिकारी और सदस्य शामिल थे।