ग्रेटर नोएडा में रहने वालों को लगेगा बड़ा झटका, पानी पीना होगा महंगा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 1 अप्रैल 2024 से आवासीय, समूह आवास, संस्थागत, औद्योगिक और वाणिज्यिक सहित सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए जल शुल्क 10% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, टैरिफ में बढ़ोतरी इसलिए की जा रही है ताकि अधिक राजस्व इकट्ठा किया जा सके। साथ ही पानी की गुणवत्ता में सुधार पर खर्च किया जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए टैरिफ में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बढ़ोतरी से नागरिकों को परेशानी न हो, हमने इसे न्यूनतम रखा है। जिन उपभोक्ताओं के पास 60 वर्ग मीटर तक का प्लॉट है, उन्हें मासिक 173 रुपये का भुगतान करना होगा। 61-120 वर्गमीटर के बीच प्लॉट वालों को प्रति माह 286 रुपये का भुगतान करना होगा। 121-200 वर्गमीटर के बीच के प्लॉट वालों को 516 रुपये मासिक भुगतान करना होगा। अगर किसी के पास 201-350 वर्गमीटर का प्लॉट है तो मासिक शुल्क 856 रुपये होगा।
351-500 वर्गमीटर आकार के आवासीय भूखंडों के मालिकों को प्रति माह 1,141 का भुगतान करना होगा। 501-1,000 वर्गमीटर के भूखंडों के मालिकों को प्रति माह 1,714 का भुगतान करना होगा और 1,001-1,100 वर्गमीटर के भूखंडों के मालिकों को प्रति माह 1,999 का भुगतान करना होगा।
100 वर्गमीटर से 61 एकड़ तक के संस्थागत, औद्योगिक या वाणिज्यिक भूखंडों के मालिकों को 150-72,757 रुपये की सीमा में मासिक शुल्क देना होगा। अधिकारियों ने कहा कि 1,000 वर्गमीटर से 10 एकड़ के ग्रुप हाउसिंग प्लॉट के मालिकों को न्यूनतम 7,500 से अधिकतम 1,79,748 प्रति माह का भुगतान करना होगा।
प्राधिकरण ने उन उपभोक्ताओं को 5% की छूट देने का भी निर्णय लिया है जो अगले छह महीनों में यानी 30 सितंबर 2024 तक वार्षिक पानी बिल का भुगतान करेंगे। यदि कोई उपभोक्ता मार्च, 2024 के अंत तक वार्षिक पानी बिल का भुगतान करने में विफल रहता है, तो प्राधिकरण बकाया पर 11% तक का दंडात्मक ब्याज लगाएगा।
वर्तमान में, प्राधिकरण अपने उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 210 मिलियन लीटर पेयजल की आपूर्ति करता है। हालांकि, सेक्टर अल्फा 1, बीटा 1 और बीटा 2 जैसे कुछ क्षेत्रों के निवासी खराब गुणवत्ता वाले पानी की शिकायत करते हैं। पानी का दबाव ख़राब रहता है। नतीजतन, यह पहली मंजिल तक भी ठीक से नहीं पहुंच पाता।