उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरलखनऊ

ताजमहल को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल

याचिका में सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने की मांग की गई है

लखनऊ। ताजमहल को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में पुरातत्व विभाग से ताजमहल परिसर के अंदर बने 20 से अधिक कमरों के दरवाजे खोलने के आदेश देने की मांग गई है। इसके अलावा याचिका में हाईकोर्ट से सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने की मांग की गई है।

याचिका में मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल के अंदर छिपी मूर्ति और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने के निर्देश दिए जाने की हाई कोर्ट से गुहार लगाई गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है, जिसे पहले तेजो महालय के नाम से जाना जाता था। याचिका में दलील दी गई है कि कई इतिहासकारों ने भी इस बात का समर्थन किया है। याचिका के अनुसार चार मंजिली इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं, जो अस्थाई रूप से बंद हैं। याचिका में दावा किया गया है कि उन कमरों में भगवान शिव का मंदिर है।

याचिका डॉ रजनीश सिंह ने दाखिल की है। याची ने खुद को भारतीय जनता पार्टी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा किया है। अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से याचिका दाखिल की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि ताजमहल प्राचीन स्मारक है और स्मारक के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके बारे में सही और पूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने लाया जाना चाहिए।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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