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शांति मार्च निकालने के लिए अड़े कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया

कहीं स्थानों पर हुई पुलिस से झड़प, अपने नेता के साथ जाने लिए हिरासत में लिए जाते वक्त सड़क पर लेट गए कार्यकर्ता

 नई दिल्ली/लखनऊ/नोएडा। अखिल भारतीय कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय पूछताछ के लिए उनके साथ शांति मार्च के जरिये ईडी कार्यालय जाने से कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोक दिया। उन्हें शांति मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई। फिर भी देश के विभिन्न हिस्सों से लोग दिल्ली में शांति मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे। कई नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से  पूर्व कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए। उन्हें नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें विभिन्न थानों में भेजा गया है। दूसरी ओर प्रदेश की राजधानियों में कांग्रेस के बड़े नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया। उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। उधर राहुल गांधी से करीब तीन घंटे पूछताछ हुई। इसके बाद राहुल गांधी ईडी दफ़्तर से बाहर निकल आए।

कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर जाम कर दिया। कई नेताओं को हिरासत में लिया गया है। उधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस मोदी सरकार से डरने वाली नहीं है। सच की लड़ाई में राहुल से जीत नहीं पाओगे। न ही गांधी के वंशज को रोक पाओगे। हम पूर्वक ईडी दफ्तर जाएंगे। न झुकेंगे, न डरेंगे। सत्य के लिए लड़ेंगे। कांग्रेस और राहुल के समर्थकों ने राहुल गांधी के आवास के बाहर पोस्टर लगाए हैं। पोस्टर पर लिखा है यह राहुल गांधी है झुकेगा नहीं। पुलिस ने राहुल गांधी के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है।

कांग्रेस मुख्यालय से निकलने के प्रयास में कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए ईडी कार्यालय की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ईडी मुख्यालय के अंदर राहुल गांधी मौजूद हैं। राहुल गांधी से ईडी के तीन अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। उप निदेशक स्तर के अधिकारी की निगरानी में पूछताछ होगी। सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। पूछताछ के पहले राहुल गांधी ने शपथ ली।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ईडी ने आज पूछताछ के लिए तलब किया। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के सांसद, विधायक और अन्य नेताओं ने शांति मार्च निकालकर ईडी कार्यालय जाने की घोषणा की थी। लेकिन उन्हें शांति मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई।

तुगलक रोड थाने में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और अन्य नेताओं से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मिलकर उनका हालचाल जाना।पुलिस की धक्का-मुक्की से केसी वेणुगोपाल की तबियत बिगड़ गई थी।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व एमएलसी हुस्ना सिद्दीकी सहित बड़े नेताओं को सुबह सात बजे ही घर में नजरबंद कर दिया गया। उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। लखनऊ में कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता ईडी दफ्तर पर जाने के अड़े थे। उनमें और पुलिस में तीखी नोकझोक हुईं। बाद में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मुकेश यादव, प्रदेश सदस्य सतेन्द्र शर्मा, अनिल यादव, दिनेश  अवाना के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता अखिल भारतीय कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रॉड शांतिपूर्ण मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे। पीसीसी सदस्य सतेन्द्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओ को डरा रही है और जबरन गिरफ्तार कर थाने ले जा रही है लेकिन काँग्रेस का कार्यकर्ता न डरा है न डरेगा। मोदी सरकार कितनी पुलिस लगा दें। कांग्रेस नेता लियाकत चौधरी ने कहा कि भाजपा की तानाशाही ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। आए दिन कांग्रेस नेताओ को डराया जा रहा है विपक्ष की आवाज को भाजपा सरकार कमजोर करना चाहती है। दिल्ली जाने वालों में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव सचिन चौधरी, प्रदेश सचिव मुकेश यादव, प्रदेश सदस्य सतेन्द्र शर्मा, प्रदेश सदस्य लियाकत चौधरी, कांग्रेस नेता यतेंद्र शर्मा, सचिव जीतू शर्मा, लोकेश चौधरी, विक्रम चौधरी, राजू पाल, रोहित सिंह, मोनू कुमार आदि प्रमुख रूप से थे।

गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में चर्चा में तब आया जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका डाली। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2015 से जमानत पर हैं।

23 जून को सोनिया गांधी भी ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होंगी। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर नेशनल हेरल्ड कंपनी को गलत तरीके से अधिग्रहण करने का आरोप लगा है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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