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शहरी निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल

बैठकों का सिलसिला शुरू, संगठन की मजबूती पर भी दिया जा रहा है जोर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शहरी निकाय चुनावों को ध्यान में रखकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) अपने-अपने हिसाब से चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। बसपा में लखनऊ में दो दिवसीय बैठक अपने पार्टी जोनल प्रभारियों और जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। आप ने निकायों को ध्यान में रखकर अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है जबकि कांग्रेस ने जोनवार बैठकों का सिलसिला शुरू किया है।

निकाय चुनाव की तैयारी के सिलसिले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक आज (शुक्रवार) से शुरू होकर कल भी चलेगी।

आज वे मुख्य जोन प्रभारियों के साथ बैठक कर रही हैं। 28 मई को वे बसपा जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगी। इस बैठक में वह जिलाध्यक्षों से बातचीत कर उन्हें निकाय चुनाव की जिम्मेदारियां सौंपेंगी।

इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट घिसापिटा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “यूपी सरकार का बजट प्रथमदृष्टया वही घिसापिटा व अविश्वनीय तथा जनहित एवं जनकल्याण में भी खासकर प्रदेश में छाई हुई गरीबी, बेरोजगारी व गड्ढायुक्त बदहाल स्थिति के मामले में अंधे कुएं जैसा है, जिससे यहाँ के लोगों के दरिद्र जीवन से मुक्ति की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है।“

एक अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “यूपी के करोड़ों लोगों के जीवन में थोड़े अच्छे दिन लाने के लिए कथित डबल इंजन की सरकार द्वारा जो बुनियादी कार्य प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए थे, वे कहाँ किए गए। स्पष्टतः नीयत का अभाव है तो फिर वैसी नीति कहाँ से बनेगी। जनता की आँख में धूल झोंकने का खेल कब तक चलेगा?”

गौरतलब है कि इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के खाते में मात्र एक सीट आई है। माना जा रहा है कि जिस बसपा प्रत्याशी को विधानसभा चुनाव में जीत मिली है वह अपने क्षेत्र बलिया जिले के रसड़ा में इतना अधिक लोकप्रिय है कि वह निर्दलीय चुनाव भी लड़ता तो जीत जाता। चुनाव परिणाम को देकर बसपा सुप्रीमो चौकन्नी हो गई हैं। यही कारण है कि चुनाव परिणाम के बाद ही उन्होंने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर कांग्रेस भी निकाय चुनाव में उतरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी इसके लिए जोनवार बैठक कर रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र दो सीटें मिलीं थी। एक सीट तो उसे इसलिए भी मिल गई कि उस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। कांग्रेस ने स्थानीय स्तर पर सपा से समझौता कर उस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे जाने के लिए मनाया था।

आप ने भी निकाय चुनाव में उतरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी तैयारी के सिलसिले में उसने जिला कमेटियों का पुनर्गठन करना शुरू कर दिया है। इसी तैयारी के सिलसिले में पुरानी कमेटियों को भंग कर नए सिरे से जिला कमेटियों का गठन करना शुरू किया है। आप ने अब तक 26 जिलों में जिलाध्यक्ष का मनोनयन कर उन्हें अपनी-अपनी कमेटियों के गठन क निर्देश दिए हैं। विधानसभा के चुनाव में हालांकि आप ने अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली। अधिकांश सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम, करीब दो सौ नगर पालिका परिषद और करीब 450 नगर पंचायतें हैं। इन पर इसी साल चुनाव होना है। इनका कार्यकाल पूरा होने के करीब है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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