प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना साबित हुई वरदान
आखिर किसके लिए और क्या है यह योजना, कितनी राशि मिलती है
लखनऊ। प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत किसी भी गरीब, मजदूर परिवार में पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को वित्तीय लाभ दिया जाता है। वर्तमान में देश में अधिकांश महिलाओं को अल्पपोषण का सामना करना पड़ता है। अल्पपोषण और रक्त अल्पता अधिकतर महिलाओं में पाया जाता है। अल्पपोषित माता अधिकांशतः कम वजन वाले शिशुओं को ही जन्म देती है। यदि गर्भवती महिला कुपोषित है तो बच्चों का कुपोषण गर्भावस्था से ही शुरू हो जाता है जो जीवन भर चलता रहता है और अधिकांश मामलों में इसमें बदलाव नहीं होता।
अक्सर आर्थिक एवं सामाजिक तंगी के कारण मजदूरी करने वाली कई गरीब महिलाएं अपनी गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करना जारी रखती हैं। इसके अलावा वे बच्चे को जन्म देने के बाद, स्वस्थ होने से पहले काम करना शुरू कर देती है, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं रहता। इस तरह आर्थिक परेशानी के कारण धात्री महिलाएं पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं हो पाती और अपने शिशु को स्तनपान कराने में समर्थ भी नहीं हो पाती है। इससे माँ और शिशु दोनों कमजोर रहते हैं और विभिन्न रोगों के चपेट में आ जाते हैं।
मजदूरी करने वाली गरीब परिवारों की महिलाओं की इन्हीं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली जनवरी 2017 से प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना का शुभारम्भ किया है। इस योजना के अंतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य संबंधी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति पर पर्याप्त पोषण के लिए पहली बार गर्भधारण करने वाली गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के खातों में 6000 रू0 प्रोत्साहन स्वरूप दिया जाता है, जिससे उनके स्वस्थ रहने के आचरण में सुधार हो सके। इस योजना के अंतर्गत 5000 रू0 तीन किश्तों में दिया जाता है तथा पात्र लाभार्थी संस्था में प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ के संबंध में अनुमोदित मानदंडों के अनुसार 1000 रू0 दिए जाते हैं। इस तरह प्रत्येक पात्र महिला को 6000 रू0 प्रोत्साहन धनराशि दिया जाता है। जिससे उनका पोषण होता रहे और वे स्वस्थ रहे। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में 6,05,852 प्रथम बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में योजना के आरम्भ से अब तक लगभग 47 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।