प्रयागराज (मुकेश पंडित) : संगम नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े धार्मिक एवं आध्यात्मिक मेले महाकुंभ 2024 की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 13 जनवरी2025 से शुरू होन वाले इस महाआयोजन में शामिल होने के लिए अखाड़ों ने पहुंचना भी प्रारंभ कर दिया है। आस्था की पावन डुबकी लगाने के लिए इस वर्ष देश-दुनिया से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इस वर्ष ज्यादा भव्य, ज्यादा बड़ा और शानदार आयोजन की व्यवस्था की हैं।
अखाड़ों का आगमन प्रारंभ
संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों की संख्या में साधु-संत इस पावन धार्मिक व आध्यामिक आयोजन में सम्मिलित होने पहुंचते हैं। महाकुंभ में पावन स्नान के लिए 13 अखाड़ों का आगमन शुरू हो गया है। जूना अखाड़े के साधू-संत संगम नगरी में पहुंच चुके हैं। साधु-संतों को महाकुंभ से बड़ी उम्मीदें हैं। वर्ष 2019 में अर्ध कुंभ का आयोजन हुआ था। इस वर्ष महाकुंभ है। इसलिए तैयारियां भी ज्यादा बड़ी और भव्य हैं।
बहने लगी विकास की पावन गंगा
महाकुंभ की वजह से संगम तटों का ही नहीं, पूरी संगम नगरी दमक उठती है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौराहे, सड़कें सभी को भव्य व दिव्य रूप दिया जा रहा है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था और सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। होटलों, रेस्टोरेंट आदि की व्यवस्था शुरू हो गई है। सरकार की कोशिश है कि यहां आने वाले लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो। महाकुंभ में सफाई व्यवस्था के लिए 10,000 सफाईकर्मी तैनात किये जा रहे हैं।
महाकुंभ की खास बातें
♦ महाकुंभ मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर में होगा
♦ संपूर्ण मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा जाएगा
♦ 12 किमी की लंबाई के घाट होंगे
♦ 1850 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था होगी
♦ 450 चकर्ड प्लेट लगाए जाएंगे
♦ गंगा के पार जाने के लिए 30 पंटून पुल बनाए जा रहे हैं
♦ 67,000 लाइटों से जगमगाएगी संगम नगरी
♦ मेला क्षेत्र में 1,50,000 शौचालयों का निर्माण होगा
♦ श्रद्धालुओं के लिए 1,50,000 टेंट लगाए जाएंगे