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राष्ट्रपति आएंगे लखनऊ, विधान मंडल को करेंगे संबोधित

अखिर कब आएंगे राष्ट्रपति, क्या है राज्य सरकार की तैयारी

लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द 6 जून को लखनऊ आएंगे। वे उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल के संयुक्त उपवेशन को संबोधित करेंगे। उनके इस कार्यक्रम मद्देनजर प्रस्तावित कार्यक्रम विचार-विमर्श के लिए विधान भवन में मंगलवार को सर्वदलीय बैठक हुई।  बैठक में विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा दलीय नेताओं ने भाग लिया।

विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा विधान मंडल के सयुंक्त उपवेशन को संबोधित करने के संबंध में प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित होना सदस्यों के लिए सौभाग्य की बात है। राष्ट्रपति के संबोधन से सदस्य विशेष रूप से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।

विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा विधान मंडल के संयुक्त उपवेशन को संबोधित करने के संबंध में प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित किया गया है।

बैठक में मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 6 जून की तिथि उत्तर प्रदेश विधान मंडल की दृष्टि से इतिहास बनने की ओर अग्रसर है। राष्ट्रपति द्वारा समवेत सदन का संबोधन आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में राज्य विधान मण्डल की गरिमा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 23 मई से विधान मंडल सत्र गरिमापूर्ण तरीके से समृद्ध चर्चा व परिचर्चा के साथ संचालित हो रहा है। यह लोकतंत्र व विभिन्न विधान मण्डलों के लिए एक नजीर बनने की ओर अग्रसर है। इसके लिए उन्होंने विधान परिषद के सभापति, विधान सभा अध्यक्ष एवं सदन के सदस्यों के साथ ही दलीय नेताओं को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि सदन में समृद्ध चर्चा न केवल लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाती है, बल्कि सामान्य नागरिक के मन में जनप्रतिनिधियों एवं लोकतंत्र के प्रति सम्मान व गौरव की अनुभूति भी जागृत करती है। इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए 6 जून को उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल की ओर से विधान परिषद के सभापति एवं विधान सभा अध्यक्ष ने राष्ट्रपति के समवेत सदन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है।

उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि वर्ष 1937 में उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही इसी सदन में हुई थी। उन्होंने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से आह्वान किया कि वे 6 जून को राष्ट्रपति के संबोधन के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में अपना योगदान दें। राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के सपूत हैं। वे देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हैं। राष्ट्रपति का संबोधन सदस्यों में नवीन उत्साह और उमंग का संचार करते हुए प्रेरणा का कारक बनेगा।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि राष्ट्रपति के अनुभव और मार्गदर्शन से सदस्यों का ज्ञानवर्धन होगा। विधान मंडल में समय-समय पर इस प्रकार का मार्गदर्शन मिलने से सदस्यों को बहुत लाभ होता है।

इस अवसर पर मत्स्य मंत्री संजय निषाद भी उपस्थित थे। बैठक में समाजवादी पार्टी के मनोज कुमार पांडेय, अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के वीरेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय लोकदल के अजय कुमार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के अनिल कुमार त्रिपाठी, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह ने अपने-अपने दल की ओर से कार्यक्रम के लिए पूरा सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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