प्रधानमंत्री मोदी ने 5500 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण : बोले- महाकुंभ बनेगा एकता का महायज्ञ
Prayagraj News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रयागराज में महाकुंभ से पहले 5500 करोड़ रुपये की लागत वाली 167 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान, प्रधानमंत्री ने बहुभाषी एआई चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ का भी शुभारंभ किया, जो श्रद्धालुओं को उनकी यात्रा में मदद करेगा।पीएम मोदी ने महाकुंभ के महत्व पर बात करते हुए इसे “एकता का महायज्ञ” बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नए शिखर पर पहुंचाएगा। “महाकुंभ एक ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी,” पीएम मोदी ने कहा।
प्रयागराज आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र
प्रधानमंत्री ने प्रयागराज को केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि यहां जाति और पंथ के भेद खत्म हो जाते हैं और सभी लोग एक ध्येय से जुड़ जाते हैं। “यहां संगम में स्नान करने से करोड़ों तीर्थों का पुण्य मिलता है,” उन्होंने कहा।
महाकुंभ में सामाजिक एकता और सामूहिकता की शक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के दौरान होने वाली सामूहिकता की शक्ति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में लाखों लोग विभिन्न भाषाओं, जातियों और पंथों के बावजूद एक उद्देश्य के लिए एकत्र होते हैं। “यह महाकुंभ एकता और अखंडता का प्रतीक है,”।
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की तैयारी
पीएम मोदी ने महाकुंभ की तैयारी को लेकर ‘डबल इंजन’ सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। महाकुंभ के आयोजन से स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
स्वच्छ महाकुंभ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री ने कुम्भ आयोजन की सफलता में सफाई कर्मियों के योगदान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ आयोजन को स्वच्छ रखने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। 15,000 सफाई कर्मियों को इस काम में शामिल किया जाएगा और उनका धन्यवाद भी किया गया।डिजिटल कुम्भ: एआई और तकनीक का उपयोग
पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन में डिजिटल तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार कुम्भ में एआई का प्रयोग किया जाएगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में संवाद करने में सक्षम होगा। पीएम मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि कुम्भ से जुड़े फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल कुम्भ में शामिल हो सकें।
महाकुंभ से आर्थिक सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को केवल आध्यात्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति का भी माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। कुम्भ के दौरान प्रयागराज में बड़ी संख्या में लोग आएंगे, जिससे व्यापार और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
महाकुंभ: भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक
पीएम मोदी ने महाकुंभ को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि महाकुंभ से निकलने वाली आध्यात्मिक और सामूहिक शक्ति देश के संकल्प को और मजबूत करेगी और यह आयोजन भारत की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करेगा।