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बढ़ सकती है मुश्किलें, इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने नोएडा के डीएम को किया अवमानना नोटिस जारी

प्रयागराज  : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए नोएडा(गौतमबुद्ध नगर) के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को अवमानना नोटिस जारी करते हुए निर्धारित तिथि पर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि क्यों ने डीएम मनीष वर्मा के खिलाफ आदेश की अवेहलना करने पर कारवाई की जाए। साथ ही पूछा कि वह बताएं कि उनके विरुद्ध कितने अवमानना के केस हैं।
वसूली प्रमाणपत्र पर नहीं की कारवाई
यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने डा किशोरी रमण चतुर्वेदी की अवमानना याचिका पर उनके अधिवक्ता श्रीकृष्ण शुक्ल को सुनकर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, याचिककर्ता चतुर्वेदी के पक्ष में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलटरी अथॉरिटी) ने आदेश दिया था, जिसके तहत विपक्षी संख्या पांच के विरुद्ध वसूली प्रमाण पत्र जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी, नोएडा को दो माह में इस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
बताएं अवमानना के कितने मामले
याची आदेश का पालन नहीं किए जाने से रेरा के अंतर्गत पारित आदेश का लाभ पाने से वंचित रह गया था। कोर्ट में चतुर्वेदी की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि यह सरासर अवमानना का मामला है। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है। इस आधार पर उच्च न्यायालय ने डीएम नोएडा को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है और उन्हें कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि वह बताएं कि उनके खिलाफ कितने अवमानना के मामले चल रहे हैं।
जानिए डीएम नोएडा के बारे में
नोएडा के डीएम मनीष वर्मा की आयु लगभग 40 साल है। वह उप्र के कुशीनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी। उनकी ऑल इंडिया रैंक 61 रही थी। मनीष वर्मा ने आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। मनीष वर्मा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपने करियर की शुरुआत पीलीभीत से की थी। यहां मनीष वर्मा को प्रोबेशनरी डीएम बनाया गया था। इसके बाद मनीष वर्मा प्रतापगढ़ और मथुरा जिले में मुख्‍य विकास अधिकारी के पद पर सेवाएं दी। मनीष ने अपनी तैयारी तब शुरू की जब वे एक वर्किंग प्रोफेशनल थे। जब उन्‍होंने यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की, उस समय वह एक बैंक में जॉब करते थे। नौकरी करते हुए उन्‍होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को क्रैक किया था। उनकी गिनती काफी होनहार अधिकारियों में की जाती है।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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