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वादाः बिजली चोरी की सूचना दें, नाम गुप्त रखेगी सरकार, नहीं देनी होगी निजी जानकारी

उप्र में बिजली चोरी रोकने के लिए राज्य सरकार ने की अनूठी पहल, यूपीपीसीएल ने की अपनी वेबसाइट पर 'बिजली मित्र' लिंक की शुरुआत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए योगी सरकार ने ‘बिजली मित्र’ के रूप में पहल की है। इसके जरिये लोग गुमनाम रहकर भी उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) को बिजली चोरी की सूचना दे सकेंगे और बिजली चोरी करने वालों को पकड़वा सकेंगे। बिजली मित्र लिंक को यूपीपीसीएल की ओर से शनिवार को शुरू किया गया है।

बिजली चोरी रोकने को कड़ा उपाय

प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार तक निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ ही बिजली चोरी रोकने के लिए कड़े उपाय कर रही है। हाल ही में सरकार ने बिना कनेक्शन अवैध तरीके से बिजली चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाते हुए उन्हें वैध कनेक्शन देने की शुरुआत की है। इसी क्रम में बिजली मित्र एक और नई पहल है।

शिकायतकर्ता को नहीं देनी होगी निजी जानकारी

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष एम देवराज ने जानकारी दी है कि अभी तक यूपीपीसीएल की वेबसाइट में उपलब्ध लिंक एवं चैट बोट पर विद्युत चोरी संबंधित शिकायतें की जा सकती थीं लेकिन इसमें शिकायतकर्ता का नाम, मोबाइल नंबर, डिस्कॉम का नाम तथा सबस्टेशन की जानकारी ली जाती थी। इस कारण लोग शिकायत करने में असहज महसूस करते थे। शिकायतकर्ता की इन असुविधाओं को दूर करने एवं उसकी गोपनीयता बनाए रखते हुए बिजली चोरी का पता लगाने के लिए यह अनोखी पहल की गई है। कॉर्पोरेशन प्रबंधन की कोशिश है कि बिजली चोरी की सूचना उसके पास अधिक से अधिक प्राप्त हो जिससे बिजली चोरी करने वालों को पकड़ा जा सके। इसी के साथ ही, उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा की जा सके।

ऐसे कर सकेंगे बिजली चोरी की शिकायत

शिकायतकर्ता अब बिजली चोरी का पता बताने के लिए कॉर्पोरेशन की वेबसाट www.upenergy.in के होम पेज पर जाकर बिजली मित्र लिंक bijlimitra.uppcl.org का इस्तेमाल कर सूचना दे सकते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही शिकायत के लिए पेज खुलेगा। इसमें बिजली चोरी करने वाले का नाम (यदि उपलब्ध हो तो) दर्ज करना होगा। अगले कॉलम में बिजली चोरी के स्थान का पता अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा। इसके बाद जिला जहां बिजली चोरी की जा रही है, उसका नाम भी अनिवार्य रूप से देना होगा। इसके बाद अगले कॉलम में अन्य विवरण जैसे लैंडमार्क, बिजली चोरी के विषय में सूचना (यदि उपलब्ध हो तो) देनी होगी। अगले कॉलम में यदि उपलब्ध हो तो फोटो और वीडियो अपलोड करने की भी सुविधा होगी। इसके बाद कैप्चा कोड भरके सबमिट करते ही आपकी सूचना विभाग को मिल जाएगी। इसके बाद एक निर्धारित समयसीमा में इसकी जांच करवाकर बिजली चोरी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पहली बार ऐसी सुविधा

उन्होंने कहा कि इस तरह बिजली चोरी से संबंधित सूचना देने की सुविधा पहली बार दी जा रही है। चोरी की सूचना किसी भी साइबर कैफे, जनसूचना केंद्र या मोबाइल से भी भेजी जा सकती है।

दिया जा रहा कनेक्शन

इससे पहले योगी सरकार ने बिना कनेक्शन बिजली का उपयोग करने वाले लोगों के लिए नियमानुसार बिजली कनेक्शन देने की पहल की थी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने विभागीय स्तर पर आदेश जारी किया था, जिसमें बिजली कनेक्शन से छूटे सभी परिवारों का चिन्हांकन करते हुए उन्हें बिजली कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें छात्र, स्वयं सहायता समूह एवं विद्युत सखियों की मदद ली जाएगी। सरकार का मानना है कि यूपीपीसीएल के अंतर्गत पांचों वितरण निगमों में कुल 3.27 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से घरेलू प्रयोग के लिए कुल कनेक्शन की संख्या 2.88 करोड़ है। प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कुल घरेलू बिजली कनेक्शन की संख्या कुल परिवारों की संख्या के सापेक्ष कम है। इसीलिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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