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संस्कृत को बढ़ावाः योगी सरकार उत्तर प्रदेश में खोलेगी 10 नए संस्कृत विद्यालय

संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए रोजी-रोटी से जोड़ने के होंगे प्रयास, संस्कृत शिक्षकों के बहुरेंगे दिन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में दस संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे। इसी के साथ संस्कृत के शिक्षकों के दिन बहुरने के आसार उत्पन्न हो गए हैं।

सरकारी होंगे संस्कृत स्कूल

राज्य सरकार जिन जिलों 10 नए संस्कृत विद्यालय खोलने का फैसला लिया है। वे माध्यमिक स्तर के विद्यालय होंगे। ये सभी स्कूल सरकारी क्षेत्र के भी होंगे। जिन जिलों में नए संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे उनमें वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, शामली, जालौन, एटा, अमेठी और हरदोई जिले शामिल हैं।

प्रदेश सिर्फ दो विद्यालय

वर्तमान में प्रदेश में सिर्फ एक राजकीय संस्कृत माध्यमिक और एक राजकीय संस्कृत डिग्री कॉलेज ही चल रहे हैं। इनके अलावा अन्य सभी संस्थान निजी तौर पर चलाए जा रहे हैं। उनकी हालत बेहद खस्ता थी। इनमें भी जो शिक्षक पढ़ा रहे हैं उनकी आर्थिक स्थित बेहद खराब चल रही थी। तत्कालीन सपा (समाजवादी पार्टी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकारों में संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों की आर्थिक हालत बेहद खराब थी। उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिलता था। इस कारण उनकी पढ़ाने में कोई रुचि भी नहीं रह गई थी। उन्होंने दूसरा ही काम-धंधा पकड़ लिया था। शिक्षकों और संस्कृत विद्यालयों की दशा खराब होने से इन विद्यालयों को नए विद्यार्थी भी नहीं मिल पा रहे थे। अब जब कि राज्य सरकार ने प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का फैसला लिया है तो शिक्षकों और संस्कृत विद्यालयों के बहुरने के आसार उत्पन्न हो गए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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