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विरोध प्रदर्शनः घर ख़रीदारों ने कहा- थाली बजाओ, सरकार जगाओ, रजिस्ट्री कराओ, घर दिलवाओ

घर ख़रीदारों ने लगातार 28वें दिन भी किया प्रदर्शन, कई सोसायटियों के लोग हुए शामिल, इनमे महिलाएं भी थीं

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। ग्रेटर नोएडा की विभिन्न सोसायटियों में रह रहे घर खरीदारों ने अपनी मांगों के समर्थन में लगातार 28 सप्ताह एक मूर्ति चौराहे चौराहे पर प्रदर्शन किया। एक मूर्ति चौराहा घर खरीदारों की इंसाफ़ की लड़ाई का केंद्र बन गया है। उन्होंने इस दौरान गौतमबुद्ध की मूर्ति के नीचे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखी। घर ख़रीदारों का कहना है कि उनके लगातार 28 सप्ताह से विरोध प्रदर्शन का असर दिखने लगा है। इसकी वजह से ही रजिस्ट्री और लोगों को घर देने के मुद्दे पर सरकार और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण सक्रिय दिख रहे हैं। लेकिन जब तक रजिस्ट्री शुरू नहीं हो जाती और घरों के रुके काम शुरू नहीं हो जाते तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान विभिन्न सोसायटियों के लोग हाथों में लिए लाउडस्पीकर के जरिये बिल्डरों के खिलाफ नारे लगा लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में थाली तो थी ही वे नारे लगा रहे थे- रजिस्ट्री कराओ, घर दिलवाओ आदि के भी नारे लगा रहे थे।

 

 

बड़ी संख्या में लोग आए

नेफ़ोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि भीषण गर्मी और कड़ी धूप का परवाह न कर विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग आए। उनका यह बताने के लिए काफ़ी है कि वे अपने अधिकारों को लिए बिना अब पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि लगातार इतना लंबा आंदोलन आज तक कभी घर ख़रीदारों ने नहीं किया था। लेकिन ये आंदोलन ठंड, बारिश, गर्मी सभी मौसम में रजिस्ट्री और घरों की मांग को लेकर जारी है।

वर्षों से झेल रहे परेशानी

आंदोलन में अहम भूमिका निभा रहे दीपांकर कुमार, श्वेता भारती, राजकुमार, चंदन सिन्हा, महेश यादव, रंजना भारद्वाज, रोहित मिश्र, ज्योति जायसवाल आदि का कहना है कि कई वर्षों से से वे घर की रजिस्ट्री नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसका हल निकलना बहुत ज़रूरी है। सरकार ने चुनावों के वक्त वादा भी किया था लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं हुआ है। उनका ये भी कहना है कि घर ख़रीदार एक मंच पर जुटे हुए हैं और ये बहुत बड़ी बात है। अधिकार लिए बिना वापसी का सवाल ही नहीं उठता है।

एकजुट होने से ही जीत मिलेगी

आंदोलन में लगातार शामिल हो रहे राहुल राज यादव, समीर भारद्वाज, अनिल रात्रा, शशि भूषण, पुरुषोत्तम कुमार, अशोक श्रीवास्तव, शेर सिंह, नीलेश कुमार, विकास जोशी, राजकुमार वर्मा, एसपी गुप्ता, योगेश, मृत्युंजय, दिनकर, शशांक आदि का कहना है कि सभी घर ख़रीदार समझ चुके हैं कि अब एकजुट रहने से ही जीत मिलेगी। उनका ये भी कहना है कि आज जिस तरह कई सोसायटियों के लोग एक मंच पर जुटे हैं और घर ख़रीदार साथ आए हैं वे अब भविष्य में भी एक साथ जुड़े रहेंगे और संघर्ष जारी रखेंगे।

ये भी शामिल थे विरोध प्रदर्शन में

थाली बजाओ, सरकार जगाओ, रजिस्ट्री कराओ, घर दिलवाओ, विरोध प्रदर्शन में प्रशांत, विकास जोशी, रवि मिश्र, दीपक गुप्ता, अमित, अजय कठुरिया, अनुराग, मनीष, एसपी गुप्ता, स्निग्ध सहित बड़ी संख्या में घर ख़रीदार शामिल हुए।

इन सोसायटियों के लोग हुए शामिल

थाली बजाओ, सरकार जगाओ, रजिस्ट्री कराओ, घर दिलवाओ विरोध प्रदर्शन में इको विलेज-1, इको विलेज-2,  इको विलेज-3, संस्कृति, कासा ग्रीन्स-1, अजनारा होम्स, आर सिटी रिज़ेंसी, एक्वा गार्डेन, रक्षा अडेला, ऐपेक्स गोल्फ़ एवेन्यू, ऐश्वर्यम सहित कई सोसायटियों के निवासी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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