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सजाः दुष्कर्मी को आजीवन कारावास, आठ वर्ष की बच्ची के साथ हुआ था हादसा

तीन साल पहले बच्ची को टॉफी देने का लालच देकर अपने कमरे में ले गया था और दुष्कर्म को दिया था अंजाम

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के जिला मुख्यालय सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय ने आठ वर्ष की मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

क्या और कब का है मामला

दुष्कर्म की शिकार पीड़ित बच्ची का पड़ोसी नन्ने मिश्र ने वर्ष 2019 में मासूम बच्ची से दुष्कर्म को अंजाम दिया था। पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार एक महिला ने 27 अगस्त 2019 को संबंधित पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसकी 8 साल की मासूम बेटी घर के बाहर अपने छोटे भाई के साथ खेल रही थी। तभी उसका पड़ोसी नन्ने मिश्र वहां पहुंचा जहां मासूम बच्चे खेल रहे थे। नन्हें मिश्र ने उसकी मासूम बच्ची को टॉफी दिलाने का लालच देकर अपने साथ अपने कमरे में ले गया और दुष्कर्म को अंजाम दिया। इस वारदात का उसका छोटा भाई देख रहा था क्योंकि वह बच्ची को ले जाने के कुछ ही देर बाद वहां पहुंच गया था। जब उसने बहन के साथ दुष्कर्म होते देखा तो उसने अपनी मां को यह सारी बात बताई। दुष्कर्म की शिकार पीड़ित बच्ची की मां नन्हें के कमरे में पहुंची। वहां उसने अपनी बेटी को खून से सना पाया। उसने शोर मचाया तो मौके पर मकान मालिक और उसके बेटे भी पहुंच गए। बेटे ने नन्हें को कमरे में बंद कर दिया और पुलिस को बच्ची से दुष्कर्म होने की सूचना दी। पुलिस ने नन्हें के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था। उसके खिलाफ अदालत में वाद दायर किया गया। अदालत ने मामले के पक्ष व विपक्ष की दलीलों को सुनने के बाद उसे दोषी करार दिया और उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

मजदूरी कर परिवार पालती थी महिला

अभियोजन अधिकारी जेपी भाटी के अनुसार सूरजपुर कस्बे में पीड़िता की मां किराये के मकान में अपने परिवार के साथ रहती थी। वह मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करती थी।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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