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राजनीति

Big Breaking : राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, सजा पर लगाई रोक, संसद की सदस्यता बहाल की

नई दिल्ली : Congress नेता राहुल गांधी की सजा पर उच्चतम न्यायालय ( Supreme Court )  ने रोक लगा दी है और संसद सदस्यता को भी बहाल कर दिया है ।

कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) की संसद सदस्यता को सूरत कोर्ट के आदेश के आधार पर रद्द कर दिया गया था।जिसके बाद उन्हें अपना सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा था। उस वक्त इस मामले पर जमकर राजनीति हुए थी ।विपक्ष ने इस आरोप को सरकार के सर मढ़ा था, पर आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को संसद में एक नया जीवन दिया है ।कोर्ट ने राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगाई है, जिससे राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।

‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को 15-15 मिनट का समय दिया। राहुल की ओर से वरिष्‍ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी  ने मानहानि कानून (IPC की धारा 499) का हवाला देकर कहा कि ‘कोई भी आरोप किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है, जब तक कि यह किसी व्यक्ति के नैतिक या बौद्धिक चरित्र को कम नहीं करता है’।
सिंघवी ने कहा, ‘यह गैर संज्ञेय अपराध है। समाज के खिलाफ नहीं है. न हत्‍या, न रेप, न किडनैपिंग, 2 साल की अधिकतम सजा, इसमें नैतिक अधमता का अपराध कहां से आ गया?’
सिंघवी ने कहा, ‘इस व्‍यक्ति (राहुल) को 8 साल के लिए चुप करा दिया जाएगा? लोकतंत्र में मतभेद होते हैं। हिंदी में हम शालीन भाषा कहते हैं, मुझे नहीं लगता कि ऐसी मंशा रही होगी…’। जस्टिस नरसिम्‍हा ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के जज ने आपराधिक प्रवृत्ति की बात कही। इसपर सिंघवी ने कहा कि ‘मैं (राहुल) अपराधी नहीं हूं।’
सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सीट (वायनाड) पर चुनाव की घोषणा नहीं की गई है। शायद उन्‍हें पता है कि हार के चांसेज बहुत कम है। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि मामले को राजनीतिक मत बनाइए। आप और मिस्‍टर जेठमलानी, दोनों इसे राज्‍यसभा के लिए बचाएं। फिर सिंघवी ने टिप्‍पणी वापस ले ली।
सिंघवी ने कहा कि शिकायतकर्ता का कहना है कि उसे न्‍यूजपेपर कटिंग का वॉट्सऐप मिला। वह यह नहीं बताता कि उसे यह किसने दिया। एविडेंस एक्‍ट के हिसाब से, असल घटना साबित नहीं हुई।

 

 

Vishnu Pratap

मेरा नाम विष्णु प्रताप है। मेरा जन्म 18 मई 2001 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ। पत्रकारिता मेरे लिए सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि एक जुनून है। वर्तमान में मैं Federal Bharat News में रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हूं। मुझे अंतरराष्ट्रीय संबंध, इतिहास, राजनीति, युद्ध से जुड़ी खबरें, बिज़नेस और NGO से संबंधित विषयों में गहरी रुचि है। खाली समय में मुझे पढ़ना और अपने दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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मेरा नाम विष्णु प्रताप है। मेरा जन्म 18 मई 2001 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ। पत्रकारिता मेरे लिए सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि एक जुनून है। वर्तमान में मैं Federal Bharat News में रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हूं। मुझे अंतरराष्ट्रीय संबंध, इतिहास, राजनीति, युद्ध से जुड़ी खबरें, बिज़नेस और NGO से संबंधित विषयों में गहरी रुचि है। खाली समय में मुझे पढ़ना और अपने दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

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