Rajasthan: जिन्होंने कोरोना को हराया, सरकार ने सताया…अब नौकरी मिलने की उम्मीद, कैबिनेट के गठन के बाद आ सकता है फैसला!
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को परेशानी में डाल दिया था। परेशानी का सबब कोविड मरीज बने। कोविड मरीजों से अपनों ने दूरियां बनाई तो सरकार ने भी उनसे दूर रहने की गाइडलाइन जारी की। लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा स्टाफ अपने फर्ज पर अडिग रहा। ऐसे ही कोरोना योद्धा आज तत्कालीन राजस्थान सरकार की उपेक्षा का शिकार है। दरअसल, गहलोत सरकार ने 2021 में महामारी के दौरान राज्यभर में पैरामेडिकल 25000 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की। आज ये नौकरी के लिए भटक रहे है, लेकिन इन योद्धाओं को अब बीजेपी सरकार से उम्मीद है।
पूर्व सीएचए ललित कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान राजस्थान की गहलौत सरकार ने ढाई हजार सीएचए की नियुक्ती की थी। जिनका नाम कोविड हेल्थ असिस्टेंट (CHA) रखा। करीब दस माह तक सरकार ने उनसे चिकित्सा विभाग में सभी कार्य कराए और वैक्सीन लगवाई। बाद में कोविड हेल्थ असिस्टेंट की 31 मार्च 2022 में सेवा समाप्त कर दी गई। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरकार से नौकरी न मिलने पर बीजेपी के सांसद किरोडीलाल मीणा से नौकरी दिलाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया कि उस दौरान सांसद ने नौकरी दिलाने का पूर्ण आश्वासन दिया, लेकिन अभी नौकरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में बीजेपी सरकार आ गई है। उनका एक प्रतिनिधिमंडल अब विधायक किरोडीलाल मीणा से मिला है। किरोडीलाल मीणा विधायक चुने गए है। ललित कुमार मीणा ने बताया कि कैबिनेट के विस्तार के बाद किरोडीलाल ने उन्हें नौकरी वापस दिलाने का आश्वासन दिया है।
93 दिनों तक दिया था धरना
जयपुर शहीद स्मारक पर 93 दिनों क धरना दिया। कई पार्टी के नेता उनके पास और नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक उन्हें नौकरी नहीं दी गई। जयपुर से जहां धरना चल रहा था वहां से बेहरमी से पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें हटवा दिया। अलग अलग थानों में बंद कर दिया। अभी भी कई लोगों पर मुकदमे दर्ज है।