Ram Mandir Ayodhya : रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। इसके लिए रामलला के मंदिर में कई अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई है। श्रीरामलला मंदिर के ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में रामनवमी पर होने वाले रामलला की दर्शन अवधि में बदलाव किया जाएगा। 17 अप्रैल को रामजन्मोत्सव के दिन ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक करेंगी। वही मंगला आरती के बाद ब्रहम मुहूर्त में प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ हो सकेंगे।
श्रृंगार आरती प्रातः 5:00 बजे होगी, श्री रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत एकसाथ चलती रहेंगी। वही भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा डाला जाता रहेगा। रात्रि 11:00 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा, तत्पश्चात परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी। साथ ही शयन आरती के पश्चात मन्दिर के निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। बताया कि दिनांक 16, 17, 18 एवं 19 अप्रैल को सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे।
दर्शन को लगी एलईडी स्क्रीन
आपको बता दे कि श्री राम जन्मभूमि मन्दिर में संपन्न होने वाले सभी कार्यक्रमों का प्रसारण अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में लगभग 80 से 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर दिखाया जाएगा। यह कार्य प्रसार भारती द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किया गया है। इसका सीधा प्रसारण उपलब्ध होगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, “मंदिर में अब निर्माण कार्य पुन: शुरू होना है. जो परिक्रमा की दीवार है उस कार्य को भी पूरा किया जाएगा.प्रथम और द्वितीय तल पर राजा राम का दरबार होगा। उस कार्य को तत्काल प्रारंभ किया जाएगा जो वर्ष 2024 में दिसंबर तक पूर्ण होगा।