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रामलीलाः सीता के हरण के बाद उनके वियोग में व्याकुल हुए श्रीराम

रामलीला मंचन के पूर्व रामलीला कमेटी ने दिया स्वच्छता का संदेश, देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए

ग्रेटर नोएडा। श्री रामलीला कमेटी साइट-4 ग्रेटर नोएडा में रविवार की लीला से पूर्व 2 अक्टूबर गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर देश भक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कमेटी ने स्वच्छ भारत की झांकी भी बनाई। स्वच्छता का संदेश भी दिया गया।

गणेश वंदना से शुभारम्भ

राम लीला का मंचन गणेश वंदना से प्रारम्भ हुआ। श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया रविवार के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद डॉ. महेश शर्मा जी ने दीप  प्रज्जलित किया। दीप प्रज्जलित करने में रोटरी  डिस्ट्रिक् गवर्नर डॉ ललित खन्ना, गवर्नर इलेक्ट प्रियतोष गुप्ता, गवर्नर नॉमिनी प्रशांत राज शर्मा ने सहयोग दिया।

इस मौके पर यूट्यूबर अमन भाटी, मोहित भाटी, सुनील भाटी, रुचि शर्मा, अंशु शर्मा आदि उपस्थित रहे।

रामलीला मंचन का कथानक

संयुक्त महासचिव सौरभ बंसल ने बताया गणेश वंदना से रामलीला मंचन प्रारंभ हुआ। रामलीला के मंचन में श्रीराम अपनी पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ चित्रकूट से आगे चलते हैं। मार्ग में ऋषि अगस्त से उनकी मुलाकात होती है। ऋषि अगस्त उन्हें पंचवटी का मार्ग बताते हैं। तीनों पंचवटी में पहुँचते हैं। पंचवटी में नारद सूर्पणखा सम्वाद होता है। तब सूपर्णखा श्री राम से विवाह का प्रस्ताव उनके समक्ष रखती है। लक्ष्मण जी द्वारा उसकी नाक काट ली जाती है। तब वह खर दूषण के पास जाती है। खर दूषण भी मारे जाते हैं। फिर वह रावण के पास जाती है। तब रावण मारीच को मनाकर उसे स्वर्ण मृग के रूप में ले जाकर और स्वयं साधु के वेष में जाकर सीता का हरण कर लेता है। माता सीता की रक्षा के लिए जटायु आते हैं। रावण से युद्ध में जटायु घायल हो जाते हैं। तब श्रीराम सीता के वियोग में रोते बिलखते हैं। वे वन-वन सीता की खोज करते हैं। कभी खग, मृग से पूछते हैं तो कभी पेड़ पौधों से सीता के बारे में पूछते हैं। सीता को खोजते खोजते घायल जटायु से उनकी मुलाकात होती हैं। जटायु उन्हें बताते हैं कि रावण सीता का हरण करके ले गया है। फिर जटायु अपने प्राण त्याग देते हैं। जटायु का उद्धार होता है। फिर आरती के साथ रामलीला का समापन होता है।

आज का मंचन

महासचिव बिजेन्द्र सिंह आर्य ने बताया  सोमवार को नारद सूर्पणखा संवाद,  सीता हरण, राम वियोग, जटायु मरण आदि लीलाओं का मंचन होगा।

 

इस अवसर पर अध्यक्ष  मनजीत सिंह  बिजेन्द्र  सिंह आर्य मनोज गर्ग सौरभ बंसल विनोद कसाना ओमप्रकाश अग्रवाल  कुलदीप शर्मा  पी गोस्वामी मुकेश शर्मा हरेन्द्र भाटी के के शर्मा मुकुल गोयल जितेंद्र चौहान श्यामवीर भाटी अमित गोयल अतुल जिन्दल विकास जतन भाटी श्रीचन्द भाटी मनोज यादव सुभाष चन्देल अनिल कसाना सुनील प्रधान अरुण गुप्ता विशाल जैन विकास गर्ग  सुरेंद्र तायल  विकास आर्य मास्टर प्रमोद भाटी रिंकू आर्य  राहुल नम्बरदार आदि सदस्य उपस्थित रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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