रामलीलाः रामेश्वरम में सेतु बांधकर श्रीराम की सेना ने की लंका पर चढ़ाई
विभीषण की समझाने का रावण पर कोई असर नहीं पड़ा, लात मारकर लंका से भगा दिया, वे श्रीराम की शरण में गए
ग्रेटर नोएडा। श्री रामलीला कमेटी साइट-4 ग्रेटर नोएडा में आज की रामलीला में विभीषण रावण को समझाने का प्रयत्न करते हैं। इस लीला से मंचन प्रारम्भ हुआ। श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर मंचन की शुरुआत की।
रामलीला मंचन का कथानक
आज की रामलीला के मंचन में विभीषण रावण को समझाने का प्रयत्न करते हैं। इस रावण उन्हें लात मारकर लंका से भगा देता है। विभीषण श्रीराम की शरण में जाते हैं। फिर श्री राम समुद्र देव से लंका जाने की राह देने की प्रार्थना करते हैं। समुद्र द्वारा राह नहीं दिए जाने पर श्रीराम के क्रोधित होते हैं। इस पर समुद्रदेव उन्हें समुद्र पर सेतु बांधने का उपाय बताते हैं। तब नल और नील की सहायता से सभी वानर सेतु बांधते हैं। रामेश्वरम में श्रीराम शिव स्थापना करते हैं। एक बार फिर अंगद को भेजकर रावण को समझाने का प्रयत्न करते हैं। जब रावण नहीं मानता तो अंगद युद्ध की घोषणा कर वापस लौट आते हैं। मेघनाद लड़ने आता है और लक्ष्मण को शक्ति बाण से मुर्छित कर देता हैं। हनुमान जी संजीवनी लेकर आते हैं। रावण कुम्भकर्ण को जगाकर युद्ध में भेजता है। कुम्भकर्ण भी मारा जाता है। इसी के साथ आरती के साथ रामलीला का समापन होता है।
कल मेघनाद, कुंभकर्म व रावण के पुतले का दहन
मीडिया प्रभारी विनोद कसाना ने बताया
5 अक्टूबर को मेघनाथ वध, सुलोचना विलाप, अहिरावण वध व लंका के राजा रावण का वध और इसी के साथ 65 फिट का रावण, 60 फिट के मेघनाथ, कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन होगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष मनजीत सिंह, बिजेन्द्र सिंह आर्य, मनोज गर्ग, सौरभ बंसल, विनोद कसाना, ओमप्रकाश अग्रवाल, कुलदीप शर्मा, मुकेश शर्मा, जीपी गोस्वामी, हरेन्द्र भाटी, केके शर्मा, मुकुल गोयल, जितेंद्र चौहान, श्यामवीर भाटी, अमित गोयल, अतुल जिन्दल, विकास, जतन भाटी, श्रीचन्द भाटी, मनोज यादव, सुभाष चन्देल, अनिल कसाना, सुनील प्रधान, अरुण गुप्ता, विशाल जैन, विकास गर्ग, सुरेंद्र तायल, विकास आर्य, मास्टर प्रमोद भाटी, रिंकू आर्य, राहुल नम्बरदार आदि सदस्य उपस्थित रहे।