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भूमि अधिग्रहण पर सुलग रहा है रन्हेरा, मॉडलपुर नहीं मिला तो बिगड़ सकते हैं हालात

ग्रेटर नोएडा : जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे फेज की भूमि अधिग्रहण से ठीक पहले रन्हेरा गांव सुलग रहा है। मॉडलपुर विस्थापन के लिए यमुना विकास प्राधिकरण और जनप्रितिनिधि से गांव के लोग आर पार की लड़ाई के मूड में है। ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए संवाददाता से हर पहलू पर बातचीत की। यमुना विकास प्राधिकरण पर प्रदर्शन के बाद फ़ेडरल भारत को गांव के युवाओं ने ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए आमंत्रित किया था। युवाओं की मांग पर फ़ेडरल भारत के फाउंडर आशीष गुप्ता गांव पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की।

 

 

सहमति की प्रक्रिया पर सवाल

संवाददाता के पहुँचने से पहले ही गांव के भारी संख्या में लोग चौक पर जमा थे। 89 साल के बलभद्र सिंह बताते हैं कि पहले फेज के अधिग्रहण में उन्होंने 110 बीघा जमीन का सहमति पत्र प्रशासन को दिया था, लेकिन इस बार 15 बीघा जमीन का सहमति पत्र उन्होंने नहीं दिया है। वह कहते है कि उनके गांव को फलैदा बांगर विस्थापित किया जा रहा है, जहां से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है, हमने मुआवज़े के पैसे से जेवर के पास जमीन खरीद ली है, इसलिए मॉडलपुर विस्थापित होने से हम समाज से कटेंगे नहीं। सूबेदार गणपत सिंह ने बताया कि करीब आधा दर्ज़न लोग गांव के जमीन का कारोबार करते है वो अपने फायदे के लिए हमें फलैदा बांगर भेजना चाहते है, जिसे किसी भी कीमत पर मंज़ूर नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि गांव में सरकारी अध्यापकों की ड्यूटी सहमति के लिए लगाई गयी है, उपजिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों द्वारा कोई वीडियोग्राफी नहीं कराई गयी, जबकि प्रथम फेज के भूमि अधिग्रहण के दौरान वीडियोग्राफी कराई गयी थी। सूबेदार मेजर रामसरन सिंह बताते हैं कि हम न तो किसी जनप्रतिनिधि कि खिलाफ है और न एयरपोर्ट के। केवल मॉडलपुर विस्थापन ही हमारी मांग है, इस मांग को पूरा करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।

ग्रामीणों का दावा, 80 प्रतिशत लोगों ने नहीं दिए असहमति पत्र

रन्हेरा गांव में 2770 खाताधारक हैं। ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने 1500 लोगों के असहमति पत्र यमुना विकास प्राधिकरण को दिए है, ग्रामीणों का दावा है कि जो सहमति पत्र 70 प्रतिशत देने की बात कही जा रही है, वह कोरी बकवास है। उन्होंने कहा कि जब पहले फेज में किसान सहमति पत्र दे सकते है तो दूसरे में भी, लेकिन किसानों के हितों को दरकिनार कर कुछ नेता और प्रशासन के लोग अपना निजी हित देख रहे है, इसीलिए मॉडलपुर उन्हें विस्थापित नहीं होने देना चाहते।

बुजुर्ग दे रहे पैसा, युवा बना रहे आंदोलन की प्लानिंग

यमुना विकास प्राधिकरण पर प्रदर्शन की योजना गांव के युवाओं ने बनाई थी। युवा मिशन मॉडलपुर को पूरा करने के लिए जॉब छोड़कर गांव लौट आये है। अमित कुमार सिंह ने करीब 500 लोगों को ट्विटर से जोड़ लिया है, व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से हर अपडेट दी जा रही है।गांव के बुजुर्ग मिशन मॉडलपुर को सफल बनाने के लिए युवाओं को खूब चंदा दे रहे है। ब्रजपाल का कहना है कि हम आर पार की लड़ाई के मूड में है। मॉडलपुर से कम हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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