पत्रकार अभिषेक उपाध्याय और ममता त्रिपाठी के विरुद्ध एफआइआर की राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने की कड़ी निंदा, कहा, दबाई न जाए पत्रकारों की आवाज
नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर जातीय टिप्पणी करने के मामले में लखनऊ में दो पत्रकारों अभिषेक उपाध्याय और ममता त्रिपाठी के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने की राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने निंदा की है और कहा है कि पत्रकारों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।
न छिनी जाए पत्रकारों की स्वतंत्रता
राष्ट्रीय परशुराम परिषद की ओर से सोशल मीडिया एक्स पर लिखे पोस्ट में दोनों पत्रकारों के खिलाफ एफआइआर की काफी शेयर करते हुए लिखा कि ब्राह्मण समाज के स्तंभ और देश के दो प्रमुख पत्रकार अभिषेक उपाध्याय एवं ममता त्रिपाठी के विरुद्ध दर्ज एएफआइ निंदनीय है।परिषद का मानना है कि पत्रकारों की आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा है।
क्या था मामला
अभिषेक उपाध्याय एक न्यूज चैनल के सीनियर जर्नलिस्ट हैं, जबकि ममता त्रिपाठी दैनिक भास्कर की पत्रकार हैं। उल्लेखनीय है कि अभिषेक त्रिपाठी ने अपने एक्स अकांउट पर एक जाति विशेष के अफसरों के साथ योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और मुख्य सूचना अधिकारी का उल्लेख करते हुए विस्तारित पोस्ट लिखा है। जिसमें मुख्यमंत्री पर विशेष जाति के अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में सवाल उठाए हैं। इसी को लेकर लखनऊ के हजरत गंज थाने में दोनों पत्रकारों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई। दोनों पर देशद्रोह जैसे संगीन आरोप भी लगाएं हैं।