उत्तर प्रदेशलखनऊ

भरपाईः उत्तर प्रदेश के ‘अन्नदाताओं’ का कवच बनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

योजना का मकसद किसानों की फसलों की प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करना और प्रीमियम के बोझ को कम करना

लखनऊ। अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही उनकी फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करने की दिशा में उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार पीछे नहीं है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदा में नुकसान हुई फसलों का भुगतान करके उनका किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होने दे रही है। प्रदेश में अब तक योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 27.59 लाख से अधिक किसानों को 3074.60 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति का भुगतान किया है।

मुआवजे के रुप में हुआ भुगतान

बता दें कि ये भुगतान अधिक वर्षा, आँधी तूफान, पाला, बर्फबारी, ओले, कीट, फसली रोगों, आग जैसी आपदा के कारण किसानों की नष्ट हुई फसल के मुआवजे के रूप में किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की ऐसी स्थितियों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपदा के दौरान नष्ट हुई फसल की क्षतिपूर्ति करने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जनवरी  2016 में शुरू किया था। सरकार की इस योजना का मकसद किसानों की फसलों को खराब मौसम और प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करना और प्रीमियम के बोझ को कम करना है। इसमें किसानों को खरीफ फसलों के लिए दो प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम अदा करना होगा। वहीं, वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए पांच प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना है। इस योजना के लागू होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। खासकर, उन किसानों को जो किसान कर्ज या उधार रुपये लेकर खेती में लगाते थे। योजना के कारण उनकी आय और मजबूत हो रही है।

उत्तर प्रदेश में पंचायत स्तर पर लागू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत सरकार की इस योजना को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया है। इस योजना में जो किसान कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं उनकों अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। बाकी अन्य किसानों ने अपना बीमा स्वेच्छा से करवाया है।

उप्र में 281.25 लाख बीमित किसान

योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल 281.25 लाख बीमित किसानों द्वारा फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें 27.59 लाख कृषकों को 3074.60 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। इसमें खरीफ सीजन 2021 में 7.02 लाख किसानों को 654.85 करोड़ रुपये की फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान भी शामिल हैं। रबी 2021-22 में 19.90 लाख कृषकों द्वारा 14.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बीमित किया गया है। जिसकी क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया चल रही है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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