×
उत्तर प्रदेशगाज़ियाबादगौतम बुद्ध नगर

हिंडन नदी के डूब क्षेत्र से अवैध निर्माण व बस्ती हटा लें

सिंचाई विभाग ने दी चेतावनी, इस साल भीषण बाढ़ की आशंका

नोएडा। गाजियाबाद के सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में बसाई बस्ती के लोगों और जिन लोगों ने डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण कर लिए हैं, को चेतावनी दी है कि इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। डूब क्षेत्र में बाढ़ आने की आशंका है। इससे जन हानि हो सकती है। उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की है कि वे समय रहते निर्माण को तोड़ दें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।

उन्होंने कहा कि गाजियाबाद जिले के हिंडन नदी के बाएं किनारे पर निर्मित एवं इस खण्ड के नियंत्रणाधीन नन्दग्राम तटवर्ती बंध के निकट ग्राम घूकना, सिहानी, सद्दीकनगर, नूरनगर में तटबंध एवं नदी के मध्य की भूमि तथा मोरटी, करहैडा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, भनैडा, नगला फिरोजमोहनपुर एवं शमशेर एवं दाएं किनारे पर निर्मित हिंडन के तटवर्ती बंध के निकट ग्राम-अर्थला एवं महीउद्दीनपुर कनावनी की भूमि हिंडन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।

उन्होंने बताया कि इनके अलावा जिला गौतमबुद्ध नगर में इस खंड के नियंत्रणाधीन हिंडन तटवर्ती एवं रिंग बंध के निकट हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में ग्राम-छजारसी, चोटपुर, यूसूफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढीचौखंडी, हैबतपुर, परथला खंजरपुर, सौरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलावर्दीपुर, जलपुरा, हल्दोनी, कुलेसरा एवं हिंडन यमुना दोआब बंध के निकट ग्राम-इलाहावास, कुलेसरा, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झटटा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, शफीपुर, चूहडपुर एवं मोमनाथल तक हिंडन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि के अन्तर्गत आते हैं। इसी बंध पर युमना नदी किनारे ग्राम-मोतीपुर, तिलवाडा, मोमनाथल, गढी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली एवं असदुल्लापुर (हरियाणा साइड) ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।

उन्होंने बताया कि इस भूमि में निर्मित प्लांट, हार्ट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट एवं बदरपुर सैन्ड की धुलाई की हौदियां आदि का अवैध रूप से निर्माण किया गया है। इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है। इस कारण इस वर्ष बाढ़ की तीव्रता अत्यधिक होने की आशंका है। बाढ़ के समय इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण/बस्ती अवैध होने से बाढ़ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन और शासन द्वारा सुरक्षा देना संभव नही हो सकेगा।

उन्होंने जानकारी दी कि शासनादेश, सं0-1417वी-सत्ताइस -सिं-2-181 / बाढ/09 सिं अनु.- 2, दिनांक 16.03.2010 एवं एनजीटी नई दिल्ली में प्रस्तुत एप्लीकेशन सं0-89/2013 आकाश वशिष्ठ एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य ने पारित आदेश दिनांक 20.05.2013 द्वारा ये निर्माण प्रतिबंधित कर रखे हैं तथा ये भी निर्देशित है कि इस प्रकार के अवैध निर्माण के कारण बाढ़ से होने वाली क्षति की कोई प्रतिपूर्ति शासन द्वारा नही की जाएगी न ही बाढ सुरक्षा कार्य कराए जाएंगे। इसी के साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माण करने वालों से की जाएगी।

उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि इस स्थिति को देखते हुए अवैध निर्माणों को तत्काल हटा लें या तोड़ दे। कोई अन्य नया निर्माण नहीं करें अन्यथा इन अवैध निर्माणों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही के लिए एवं अप्रत्याशित जन-धन की हानि के लिए खुद निर्माणकर्ता उत्तरदायी होंगे। सिंचाई विभाग या प्रशासन उत्तरदायी नहीं होगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close