ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थानीय परिवहन सेवाएं बंद, निवासियों को हो रही है परेशानी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोविड-19 के बाद से स्थानीय परिवहन सेवाएं बंद हो गई हैं, जिससे निवासियों को पिछले चार वर्षों से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महामारी के दौरान जो परिवहन सेवाएं रोक दी गई थीं, वे अभी तक फिर से शुरू नहीं की गई हैं। इस वजह से क्षेत्र के निवासियों को अपनी दिनचर्या में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
परिवहन सेवाएं बंद होने से परेशान लोग
महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के कारण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बस और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद कर दी गईं थीं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी ये सेवाएं अब तक बहाल नहीं की गई हैं, जिससे लोगों को निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इससे न केवल यातायात की समस्या बढ़ गई है, बल्कि प्रदूषण का स्तर भी उच्च हो गया है।
लोग बोले, सुविधा जल्द शुरू हो
स्थानीय सोसाइटी निवासी जावेद खान जिनके पास कई महंगी कारें है, मगर उनका कहना है कि सार्वजनिक परिवहन होना चाहिए, इसकी कमी से सबकी दैनिक जीवन की गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जो लोग निजी वाहन नहीं रखते, उन्हें आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। खासकर कार्यालय जाने वाले कर्मचारी और छात्र अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें ऑटो या कैब सेवाओं का उपयोग करना पड़ता है, जो महंगा पड़ता है।
प्रशासन से उम्मीदें
निवासियों ने कई बार स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से परिवहन सेवाएं पुनः शुरू करने की मांग की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय नागरिक संगठनों ने कई बार अधिकारियों से मुलाकात की है और उनकी समस्याओं को उठाया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
सांसद महेश शर्मा से समस्या समाधान करने की मांग
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को उम्मीद है कि स्थानीय सांसद महेश शर्मा इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकालेंगे। वे चाहते हैं कि सांसद महेश शर्मा इस मुद्दे को गंभीरता से लें और प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए निर्देश दें। निवासियों का कहना है कि परिवहन सेवाओं की बहाली से न केवल उनकी समस्याएं हल होंगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं को समझेगा और जल्द से जल्द परिवहन सेवाओं को बहाल करेगा, जिससे वे सामान्य जीवन जी सकें।