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सम्मानः जेल से रिहा हुए किसान नेताओं का पाली गांव में देवेंद्र मुखिया के आवास पर हुआ सम्मान

कल बुधवार को ग्राम खोदना खुर्द में होगी किसानों की सभा, ग्राम कमेटियों के सक्रिय सदस्यों व अन्य सहयोगी किसान संगठन किए जाएंगे सम्मानित

ग्रेटर नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण पर महापड़ाव डाले किसानों की रिहाई पाली गांव में देवेंद्र मुखिया के आवास पर किसानों ने उन्हें सम्मानित किया। उधर,  28 जून को ग्राम खोदना खुर्द में आयोजित किसान सभा की जनसभा में सभी ग्राम कमेटियों के सक्रिय सदस्यों, अन्य सहयोगी किसान संगठनों एवं व्यक्तियों का आभार प्रकट कर सम्मान किया जाएगा। जनसभा में आंदोलन की आज की स्थिति और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

आज सिरसा गांव में हुई बैठक

आज सिरसा गांव में किसान सभा की जिला एवं गांव कमेटियों के मुख्य कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक गांव के प्रधान प्रकाश के आवास पर हुई। बैठक की अध्यक्षता बाबा संत राम पाली ने की। संचालन अजय पाल भाटी ने किया। बैठक में गवरी मुखिया, वीर सिंह नागर, जोगिंदर प्रधान, जगबीर नंबरदार, अभय भाटी, अजब सिंह, जुनपत, ब्रह्मपाल सूबेदार आदि ने किसानों के आंदोलन एवं 28 जून को प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में अपने विचार रखे।

प्राधिकरण नहीं हो रहा था तैयार

किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 10% आबादी प्लाट, रोजगार, भूमिहीनों के प्लाट एवं अन्य नीतिगत मसलों पर प्राधिकरण बातचीत को तैयार नहीं था। प्राधिकरण की ओर से ये मुद्दे 7 वर्ष पहले ही दफना दिए गए थे। किसान सभा द्वारा 25 अप्रैल से शुरू किए गए दिन-रात के महापड़ाव (धरने), किसानों की गिरफ्तारी, लाठीचार्ज, महिलाओं की बड़ी भागीदारी और सरकार की भारी बदनामी होने के कारण सरकार ने आंदोलन के दबाव में हाई पॉवर कमेटी के गठन पर अपनी सहमति दी है। इस तरह आंदोलन में बड़ी ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।

पहली बार दबाव में बनी हाईपावर कमेटी

किसान सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि नीतिगत मसलों पर आंदोलन के दबाव में हाई पॉवर कमेटी बनी है। यह आंदोलन की ऐतिहासिक जीत है। 30 जून तक कमेटी का नोटिफिकेशन होकर शासन की ओर से कमेटी उक्त मुद्दों पर नीतिगत फैसले लेकर अपनी सिफारिश दे सकेगी और सिफारिश के आधार पर प्राधिकरण बोर्ड फैसलों को लागू कर सकेगा। संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि 2012 के बाद पहली बार आंदोलन के दबाव में सर्किल रेट के रिवीजन और 3 सितंबर 2010 के शासनादेश के अनुसार रोजगार नीति को अपनाने के बाबत डीएम द्वारा गठित कमेटी अपनी सिफारिशें 15 जुलाई से पूर्व दे देगी जिसके आधार पर प्राधिकरण स्तर पर आगे कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण स्तर के सभी मसलों पर प्राधिकरण ने तुरंत कार्रवाई करने सहित सभी पर लिखित आश्वासन मिला है। आंदोलन की इस जीत की खुशी में 28 जून को ग्राम खोदना खुर्द में बैठक पर बड़ी जनसभा बुलाकर आंदोलन में मददगार सभी व्यक्तियों संगठनों एवं कमेटियों के साथियों का आभार व्यक्त कर सम्मान किया जाएगा।

सिर्फ 15 जुलाई तक स्थगित हुआ है आंदोलन

प्रकाश प्रधान ने कहा कि आंदोलन सिर्फ 15 जुलाई तक के लिए स्थगित हुआ है। यदि प्राधिकरण ने लिखित समझौते से जरा भी हटने की कोशिश की तो तुरंत हम हजारों की संख्या में प्राधिकरण पर पुनः धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे। दुनिया की कोई ताकत अब किसानों को उनके हक से वंचित नहीं कर सकती। यह बात प्राधिकरण और प्राधिकरण के अधिकारियों को समझ लेनी चाहिए। हरेंद्र खारी ने कहा कि क्षेत्र में भारी जागरूकता आ गई है। महिलाएं, नौजवान और किसान अपने मुद्दे पर पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसान सभा हर गांव में अपने संगठन को और मजबूती देगी जिससे आवश्यकता पड़ने पर स्थगित आंदोलन को तुरंत शुरू किया जा सके। किसान सभा के जेल में बंद रिहा हुए किसानों का गांव-गांव में स्वागत कार्यक्रम चल रहे हैं। आज इसी क्रम में ग्राम पाली और जुनपत में जेल में बंद क्रांतिकारी किसान साथियों का भव्य स्वागत किया गया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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