पुनर्मिलनः एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने दो महिलाओं को परिजनों से कराया मिलन
दोनों की मानसिक स्थिति नहीं थी ठीक, घर से चली गई थीं बिछुड़ी हुई महिलाओं से दोबारा मिलकर परिजन हुए खुश, टीम का जताया आभार
नोएडा। थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) की टीम ने अपने परिजनों से बिछुड़ गई दो महिलाओं की कौंसिलिंग कर उनके परिजनों से फिर से मिलवा दिया। बिछुड़ी हुई महिलाओं से उनके परिजन काफी खुश हुए और इसके लिए एएचटीयू टीम का आभार जताया है। ये महिलाएं दिगामी हालत ठीक नहीं होने के कारण अपने घर को छोड़कर चली गईं थी। फिर परिजनों के ढूढ़ने से भी नहीं मिली थीं।
पहला मामला
एएचटीयू टीम ने 21 मार्च और 15 मई को शेल्टर होम अपना घर आश्रम सेक्टर-34 नोएडा में रह रही करीब 50 वर्षीया महिला की काउंसलिंग की। इस महिला को 22 फरवरी को अपना घर आश्रम में कवि नगर पुलिस ने कविनगर गाजियाबाद से रेस्क्यू कर लाकर यहां के शेल्टर होम को सौंप दिया था। काउंसिलिंग के ही दौरान पता चला कि इस महिला की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। इस वह घर छोड़कर इधर-उधर भटकने लगी थी। करीब तीन महीने तक शेल्टर होम में रहने के बाद इस महिला के काउंसलिंग में महिला ने पुलिस को अपने पति का नाम दयाचंद पता मेन बाजार लोनी बताया। कुछ दिन बाद महिला की मानसिक स्थिति ठीक होने पर महिला ने अपने पति का मोबाइल नंबर भी बता दिया। इस पर टीम ने महिला के पति से बातचीत कर उसके बारे में जानकारी दी। महिला के पति ने कहा कि वह मेरी पत्नी है। वह मानसिक रूप से परेशान है। वह करीब तीन महीने पहले कहीं चली गई थी। वह ढूढ़ने से भी नहीं मिली थी। एएचटीयू टीम ने महिला को उसके पति के हवाले कर दिया। महिला के पति ने पत्नी को दोबारा पाकर पुलिस का आभार जताया है।
दूसरा मामला
एक अन्य मामले में एक करीब 33 वर्षीया महिला को 15 अप्रैल को अपना घर आश्रम में थाना सेक्टर-49 नोएडा की पुलिस लाई थी। उस समय इस महिला की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसकी मानसिक हालत में सुधार होने पर महिला ने बताया कि वह गांव बरौला की रहने वाली है। उसने अपने पति का नाम विनय बताया था। एएचटीयू की टीम गांव बरौला जाकर उसके पति के बारे में पूछताछ की तो काफी ढूंढ़ने के बाद उसके पति से बातचीत हो सकी। टीम ने उनसे बातचीत कर उसकी पत्नी के बारे में जानकारी दी। उसके पति ने बताया कि वह दिमागी रूप से काफी परेशान थी। वह करीब एक महीने पहले बिना बताए घर से कहीं चली गई थी। 17 मई को एएचटीयू टीम ने दोनों ही महिलाओं को उनके-उनके पतियों के सुपुर्द कर दिया।