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पर्दाफासः महिला पुलिसकर्मी के पति ने गिरोह बनाकर की 80 लाख की ठगी, पांच गिरफ्तार

कौन आया चपेट में, गिरफ्तार लोगों में कौन-कौन से लोग शामिल हैं, किस तरह करते थे ठगी, उनकी क्या पहचान है, मामले का कैसे पता चला

ग्रेटर नोएडा। एक महिला पुलिसकर्मी के पति ने गिरोह बनाकर लैप्स पॉलिसी के रुपये कई गुना अधिक रिकवर कराने के नाम पर भेल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी से 80 लाख की ठगी कर ली। पुलिस ने महिला पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया। उसे छोडऩे का मामला भी रहस्य के घेरे में है।

 

 

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने मंगलवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए बताया कि साइबर सेल ग्रेटर नोएडा और थाना दादरी की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर इस गिरोह गैंग का पर्दाफाश किया और महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार महिला पुलिस कर्मचारी है।

कौन हैं गिरफ्तार लोग, उनकी क्या पहचान है

उन्होंने बताया कि आज मंगलवार को साइबर सेल ग्रेटर नोएडा और थाना दादरी की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर लैप्स हुई बीमा पालिसी का सेटलमेट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। आरोपी प्रियंका निवासी तिबडा रोड मोदीनगर गाजियाबाद के अलावा चार आरोपियों दीपक कुमार (प्रियंका का पति) निवासी तिबडा रोड मोदीनगर गाजियाबाद, जितेंद्र उर्फ जीतू निवासी शिवा कालोनी गांधी पार्क अलीगढ, विशाल त्यागी निवासी गांव मोहगलीपुर थाना चरथावल मुजफ्फरनगर और  हरेन्द्र निवासी ग्राम लाडपुर थाना बीबीनगर बुलंदशहर को बीलकट दादरी से गिरफ्तार किया।

क्या था अपराध करने का तरीका

उन्होंने बताया कि यह गिरोह लैप्स बीमा पॉलिसी धारको को बीमा लोकपाल बनकर कॉल करते थे। वे पॉलिसी के लैप्स हुई रकम को कई गुणा बढ़ाकर रिकवर कराने के झांसा देते थे। भेल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक शर्मा ने पुलिस से शिकायत की कि लैप्स बीमा पालिसी को कई गुना रिकवर कराने के नाम पर उनसे पिछले दो वर्षो में अब तक 80 लाख रूपये की ठगी की जा चुका है।

प्रलोभन देकर रुपये वसूलते थे

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने संगठित रूप से एक राय होकर लैप्स बीमा पॉलिसी धारको को कॉल कर पैसा रिकवर करने का प्रलोभन देकर रजिस्ट्रेशन चार्ज व अन्य चार्ज के नाम पर ठगी कर रुपये वसूलते थे जिसे ये लोग पीडितों को बाद में पूरा रिफंड करने के नाम पर ठग लेते थे।

क्या हुआ इनके पास से बरामद

गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से आठ मोबाइल फोन, विभिन्न कंपनियों के 6 सिमकार्ड,  विभिन्न बैंकों के चार एटीएम कार्ड, पांच डायरी, चार डाटाशीट, दो मोहर (एक मोहर जीबीआइसी, दूसरी मोहर मिनिस्ट्री फाइनेंस की),  दो आधार कार्ड बरामद हुआ है। इस मामले में थाना दादरी पर भादवि धारा 420,467,471,120 बी, 34, 66 आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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