उद्यमिता और स्टार्ट अप की भूमिका’ सेमिनार : पूर्व डीजीपी अनिल प्रथम ने कहा, बेहतर कानून-व्यवस्था में ही फलफूल सकता है व्यवसाय
नोएडा(फेडरल भारत) : प्रमुख न्यूज पोर्टल फेडरल भारत के तत्वावधान में सेक्टर 62 स्थित हायरैंक बिजनेस स्कूल में ‘विकासशील भारत में उद्यमिता और स्टार्ट अप की भूमिका’ सेमिनार आयोजित की गई। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गुजरात के पूर्व डीजीपी(पुलिस सुधार) अनिल प्रथम ने किसी भी समाज में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए कहा कि यदि कानून-व्यवस्था नहीं है तो आर्थिक गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित किया जाना संभव नहीं है।
पुलिस का काम समाज की सेवा
अपने संबोधन में पूर्व डीजीपी अनिल प्रथम ने कहा कि किसी भी देश अथवा समाज में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी समाज विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम कर सकता है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बेहतर सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि पुलिस की पृष्ठभूमि से आने के वजह से नागरिक हमारे लिए एक उपभोक्ता की तरह हैं। क्योंकि पुलिस कोई अधिकार नहीं, अपितु यह सेवा है।
स्टार्टअप का मूल विचार उद्देश्यों की प्राप्ति
उन्होंने कहा कि उद्यमिता और स्टार्ट अप के पीछे यही मूल विचार है कि हम अपने निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करें। अनिल प्रथम ने कहा कि किसी भी उद्योग की सफलता इस बात पर भी काफी निर्भर करती है कि हमें फीडबैक कैसा मिल रहा है। यदि सही फीड बैक आ रहा है, इसका अर्थ है कि हम सही दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।
छात्रों के प्रश्नों के दिए उत्तर
इस मौके पर बिजनेस स्कूल के छात्रों ने उनसे स्टार्ट अप की विकास दर और उसमें आने वाली बाधाओं को लेकर सवाल पूछे। उन्होंने प्रत्येक प्रश्न का विस्तार से जवाब दिया और छात्रों को बताया कि कोई भी व्यवसाय और स्टार्ट अप तभी फलफूल सकता है जब आय के स्रोत एकदम स्पष्ट हों। उन्होंने व्यवसाय में जोखिम लेने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी कार्य बिना जोखिम के संभव नहीं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. स्वाति पांडे ने की और छात्रों को विषय के महत्व से परिचित कराया। शुरुआत अध्यक्ष प्रो. राजेश सहाय ने की। सेमिनार को ज़ोनियर टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक धीरेंद्र कुमार, इनर व्हील क्लब की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती उर्वशी मित्तल और गोलाइट टेक्नोलॉजीज, प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ आकर्षण वर्मा ने भी संबोधित किया।