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अफवाहः मेरठ की विडियो के जरिये तेंदुआ के पकड़े जाने की फैलाई जा रही अफवाह

सोशल मीडिया पर तेंदुआ के पकड़े जाने का विडियो तेजी से हो रहा वायरल, लोगों ने बताया यह मेरठ का है

ग्रेटर नोएडा वेस्ट। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अजनारा ली गार्डन सोसायटी में पिछले चार दिनों से लोगों के लिए आतंक का कारण बने तेंदुआ अभी  वन विभाग की टीम की पकड़ में नहीं आया है। तेंदुए के पकड़े जाने की एक विडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लेकिन यह विडियो लोगों ने मेरठ का बताया है।

 

 

आखिर किसने किया विडियो वायरल 

चार दिनों पहले देखे गए तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम मेरठ से बुलाई गई है। टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए सोसायटी के निकास वाले स्थानों पर जाल बिछाए हैं। इसके अलावा ट्रंकुलाइजर की विशेषज्ञ टीम भी तेंदुए को पकड़ने के लिए सतर्क की गई है। फिर भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है। इसे देखकर वन विभाग की टीम ने अपनी रणनीति बदली। उसने मेरठ से तीन बकरे मंगवाए। उन बकरों को पिछड़े में बंद कर सोसायटी परिसर में ही रखा गया है लेकिन इन बकरों की लालच में भी तेंदुआ नहीं आया।

सुनसान स्थान पर भी लगाए गए कर्मचारी

वन विभाग के अधिकारियों और सोसायटी के लोगों का अनुमान है कि तेंदुआ किसी बंद प्लैट या सुनसान स्थान वाले खंडहर में हो सकता है। भूख लगने वह अपने छिपने वाले स्थान से बाहर जरूर निकलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग की टीम ऐसे स्थानों पर भी तैनात की गई लेकिन तेंदुआ न दिख न ही पकड़ा गया।

चार दिनों से जारी है खोज अभियान

अजनारा ली गार्डन सोसायटी में चार दिन पहले लोगों ने तेंदुआ देखा था। वह बकायदा सीसीटीवी में कैद में हो गया था। इससे उसके सोसायटी और उसके आसपास होने की गंभीर संभावना बन गई। मामले की सूचना जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम को दी गई। तभी से वन विभाग की टीम तेंदुए को खोजने के अभियान में जुटी है लेकिन तेंदुआ इतना चालाक है कि वह अपने छिपने वाले स्थान से बाहर नहीं निकल रहा।

डीएफओ नहीं उठा रहे मोबाइल फोन

फेडरल भारत ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तेंदुए के पकड़े जाने की वास्तविकता के बारे में  जिला वन अधिकारी (डीएफओ) प्रमोद कुमार के मोबाइल फोन पर कई बार फोन किया पहले तो इंगेज की घंटी जाती रही। बार-बार फोन लगाने पर रिंग तो जा रही थी लेकिन मोबाइल फोन नहीं उठा।

दहशत से सोसायटियों में पसरा है सन्नाटा

अजनारा ली गार्डन और आसपास की सोसायटियों के लोगों में दहशत का आलम बरकरार है। लोग तेंदुए के हमले की डर से घर से नहीं निकल रहे। दिन में भी बहुत जरूरत होने पर लोग बहुत डर और दहशत में निकल रहे हैं। आलम यह है कि शाम तक सोसायटियों रहने वाली चहल-पहल सन्नाटे में तबदील हो जा रही है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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