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समग्र शिक्षा अभियानः बच्चों को यूनिफॉर्म के साथ पेन, पेंसिल,कॉपी के लिए भी पैसा देगी सरकार

मौजूदा शैक्षिक सत्र में दो करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य

लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब यूनिफॉर्म के साथ ही सरकार पेन, पेंसिल और कॉपी के लिए भी रुपये देगी। इसके लिए इसी शैक्षणिक सत्र में प्रति छात्र 100 रुपये डीबीटी के माध्यम से दिए जाएंगे। 1100 रुपये की जगह 1200 रुपये दिए जाने के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को योगी हाल ही में हुई कैबिनेट ने इसे पारित कर दिया है।

एक करोड़ 91 लाख बच्चों को मिलेगा लाभ

अब तक प्रदेश सरकार हर साल दो जोड़ी यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये, स्कूल बैग के लिए 175 रुपये, जूते-मोजे के लिए 125 रुपये, स्वेटर के लिए 200 रुपये देती थी। यह राशि अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दिए जाते थे। कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाने के बाद से प्रदेश के 1.91 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।

अतिरिक्त राशि से स्टेशनरी खरीद सकेंगे बच्चे

प्रदेश सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से दिए जाने वाले 100 रुपये से विद्यार्थी 4 कॉपी, दो पेन, दो पेंसिल और दो रबड़ और दो शार्पनर खरीद सकेंगे। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बजट 2022-23 में सरकार ने 166 करोड़ की व्यवस्था बच्चों के स्टेशनरी के लिए की है। इसके अलावा बजट 2022-23 में सरकार ने करीब 2200 करोड़ की व्यवस्था छात्रों की यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर के लिए की है।

 दो करोड़ विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य

वर्तमान में कक्षा एक से 8 तक के छात्र-छात्राओं को निशुल्क यूनीफॉर्म केंद्र और राज्य सरकार के बजट से और जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग राज्य सरकार के बजट से निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने का प्राविधान है। शैक्षिक वर्ष 2021-2022 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों और अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से 8 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को पीएफएमएस के माध्यम से डीबीटी किया गया था। शैक्षिक वर्ष 2021-2022 में डीबीटी के माध्यम से लाभान्वित छात्र-छात्राओं की संख्या एक करोड़ 56 लाख 28 हजार 121 है। शैक्षिक वर्ष 2022-2023 में दो करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।

पारदर्शी होगी व्यवस्था

डीबीटी के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर होने से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी।  विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों को एक साथ ही सभी सुविधाएं मिलने से स्थानीय स्तर पर बाजार विकसित होगा, जिसके फलस्वरुप ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। छात्र-छात्राओं को समय से सुविधाएं उपलब्ध होने से उनकी उपस्थिति और सीखने-सिखाने के वातावरण में सुधार होगा और कक्षा के अनुसार दक्षता प्राप्त करने के लिए अधिक अवसर मिल सकेगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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