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साइबर अपराध पर शिकंजाः उप्र के हर जिले में खुलेंगे साइबर थाने

किसने दिए आदेश, ड्रग्स की तस्करी पर क्या रूख रहा सरकार का, किस विभाग की और कहां हुई बैठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के प्रति गंभीर हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने हर जिले में साइबर थाना खोले जाने की घोषणा की है। इस सिलसिले में शनिवार को यहां हुई गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।

साइबर सुरक्षा अहम विषय

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वर्तमान में साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना आज की जरूरत है। इस बारे में उन्होंने शीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।

विभिन्न मामलों की समीक्षा

बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस, अग्निशमन, महिला सुरक्षा की समीक्षा की। उन्होंने लखनऊ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा औ डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराने के भी उन्होंने निर्देश दिए।

ड्रग के विरुद्ध अभियान में लाएं तेजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फ़रोख़्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस मामले में संवेदनशील माने जाने वाले जिलों में अधिक सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर बनाना होगा। अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए कड़ी चौकसी करनी होगी।

सीमावर्ती क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी हो

इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, नेपाल के साथ ही उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और दिल्ली से सीमाएं लगती हैं। विकास और सुरक्षा के दृष्टि से सीमा प्रबंधन महत्वपूर्ण मामला बन जाता है। सीमावर्ती जिलों में थाने, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती होनी चाहिए। यहां विभिन्न विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन भी उपलब्ध रहना चाहिए।

प्रशासन का व्यवहार सहयोगात्मक हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सीमावर्ती जिलों, राज्य और राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में ये जिले अन्य राज्य और राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसेडर सरीखे होते हैं। यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण होना चाहिए। इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए। इस दिशा में नियोजित प्रयास किया जाए।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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