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शनि मंत्र: करें इस स्तोत्र का पाठ, पाएं शनिदेव की कृपा और दूर करें संकट !

शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। उनकी कृपा से जीवन में सफलता और समृद्धि आती है, जबकि उनकी नाराजगी कष्टकारी हो सकती है। शनि की शांति और कृपा पाने के लिए विशेष मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करना शुभ माना जाता है।

शनि देव की कृपा क्यों ज़रूरी है?

शनि ग्रह कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह माने जाते हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि की अशुभ दशा या साढ़े साती चल रही हो, तो जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ सकती हैं। ऐसे में शनि मंत्र और स्तोत्र का पाठ करने से राहत मिलती है।

शनि देव को प्रसन्न करने के प्रभावी मंत्र

1. शनि बीज मंत्र

“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥”

फायदा: यह मंत्र शनि की कृपा पाने और उनकी पीड़ा को कम करने के लिए बेहद प्रभावी है

2. शनि गायत्री मंत्र

“ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि। तन्नो मंदः प्रचोदयात्॥”

फायदा: इस मंत्र के जाप से शनि से जुड़ी बाधाओं से छुटकारा मिलता है।

3. दशरथ कृत शनि स्तोत्र

इस स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव की कृपा मिलती है और जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।

स्तोत्र के कुछ प्रमुख श्लोक:

नमः कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ ।

नमो नीलाम्बराय च सशिने सप्तवाहन॥

फायदा: इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से शनि की साढ़े साती और ढैया के प्रभाव कम होते हैं।

शनैश्चरस्तोत्रम्

कोणोऽन्तको रौद्रयमोऽथ बभ्रुः कृष्णः शनिः पिंगलमन्दसौरिः।

नित्यं स्मृतो यो हरते च पीडां तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

सुरासुराः किंपुरुषोरगेन्द्रा गन्धर्वविद्याधरपन्नगाश्च।

पीड्यन्ति सर्वे विषमस्थितेन तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

नरा नरेन्द्राः पशवो मृगेन्द्रा वन्याश्च ये कीटपतंगभृङ्गाः।

पीड्यन्ति सर्वे विषमस्थितेन तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

देशाश्च दुर्गाणि वनानि यत्र सेनानिवेशाः पुरपत्तनानि।

पीड्यन्ति सर्वे विषमस्थितेन तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

तिलैर्यवैर्माषगुडान्नदानैर्लोहेन नीलाम्बरदानतो वा।

प्रीणाति मन्त्रैर्निजवासरे च तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

प्रयागकूले यमुनातटे च सरस्वतीपुण्यजले गुहायाम्।

यो योगिनां ध्यानगतोऽपि सूक्ष्मस्तस्मै नमः श्रीरविनन्दनाय॥

शनिदेव के 108 नाम

ऊँ शनैश्चराय नमः

ऊँ शान्ताय नमः

ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः

ऊँ शरण्याय नमः

ऊँ वरेण्याय नमः

ऊँ सर्वेशाय नमः

ऊँ सौम्याय नमः

ऊँ सुरवन्द्याय नमः

ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः

ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः

ऊँ सुन्दराय नमः

ऊँ घनाय नमः

ऊँ घनरूपाय नमः

ऊँ घनाभरणधारिणे नमः

ऊँ घनसारविलेपाय नमः

ऊँ खद्योताय नमः

ऊँ मन्दाय नमः

ऊँ मन्दचेष्टाय नमः

ऊँ महनीयगुणात्मने नमः

ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः

ऊँ महेशाय नमः

ऊँ छायापुत्राय नमः

ऊँ शर्वाय नमः

ऊँ शततूणीरधारिणे नमः

ऊँ चरस्थिरस्वभा वाय नमः

ऊँ अचञ्चलाय नमः

ऊँ नीलवर्णाय नम:

ऊँ नित्याय नमः

ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः

ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः

ऊँ निश्चलाय नमः

ऊँ वेद्याय नमः

ऊँ विधिरूपाय नमः

ऊँ विरोधाधारभूमये नमः

ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः

ऊँ वज्रदेहाय नमः

ऊँ वैराग्यदाय नमः

ऊँ वीराय नमः

ऊँ वीतरोगभयाय नमः

ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः

ऊँ विश्ववन्द्याय नमः

ऊँ गृध्नवाहाय नमः

ऊँ गूढाय नमः

ऊँ कूर्माङ्गाय नमः

ऊँ कुरूपिणे नमः

ऊँ कुत्सिताय नमः

ऊँ गुणाढ्याय नमः

ऊँ गोचराय नमः

ऊँ अविद्यामूलनाशाय नमः

ऊँ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः

ऊँ आयुष्यकारणाय नमः

ऊँ आपदुद्धर्त्रे नमः

ऊँ विष्णुभक्ताय नमः

ऊँ वशिने नमः

ऊँ विविधागमवेदिने नमः

ऊँ विधिस्तुत्याय नमः

ऊँ वन्द्याय नमः

ऊँ विरूपाक्षाय नमः

ऊँ वरिष्ठाय नमः

ऊँ गरिष्ठाय नमः

ऊँ वज्राङ्कुशधराय नमः

ऊँ वरदाभयहस्ताय नमः

ऊँ वामनाय नमः

ऊँ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः

ऊँ श्रेष्ठाय नमः

ऊँ मितभाषिणे नमः

ऊँ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः

ऊँ पुष्टिदाय नमः

ऊँ स्तुत्याय नमः

ऊँ स्तोत्रगम्याय नमः

ऊँ भक्तिवश्याय नमः

ऊँ भानवे नमः

ऊँ भानुपुत्राय नमः

ऊँ भव्याय नमः

ऊँ पावनाय नमः

ऊँ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः

ऊँ धनदाय नमः

ऊँ धनुष्मते नमः

ऊँ तनुप्रकाशदेहाय नमः

ऊँ तामसाय नमः

ऊँ अशेषजनवन्द्याय नमः

ऊँ विशेशफलदायिने नमः

ऊँ वशीकृतजनेशाय नमः

ऊँ पशूनां पतये नमः

ऊँ खेचराय नमः

ऊँ खगेशाय नमः

ऊँ घननीलाम्बराय नमः

ऊँ काठिन्यमानसाय नमः

ऊँ आर्यगणस्तुत्याय नमः

ऊँ नीलच्छत्राय नमः

ऊँ नित्याय नमः

ऊँ निर्गुणाय नमः

ऊँ गुणात्मने नमः

ऊँ निरामयाय नमः

ऊँ निन्द्याय नमः

ऊँ वन्दनीयाय नमः

ऊँ धीराय नमः

ऊँ दिव्यदेहाय नमः

ऊँ दीनार्तिहरणाय नमः

ऊँ दैन्यनाशकराय नमः

ऊँ आर्यजनगण्याय नमः

ऊँ क्रूराय नमः

ऊँ क्रूरचेष्टाय नमः

ऊँ कामक्रोधकराय नमः

ऊँ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः

ऊँ परिपोषितभक्ताय नमः

ऊँ परभीतिहराय नमः

ऊँ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः

 

शनिवार को करें ये उपाय

काले तिल, काले कपड़े और तेल का दान करें।

पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन कराएं।

शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा करें।

यदि आप नियमित रूप से इन मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करते हैं, तो शनिदेव की कृपा से जीवन के सभी संकट दूर हो सकते हैं और सफलता के मार्ग खुल सकते हैं।

Divya Gupta

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