हिन्दूवादी संगठनों के निशाने पर शारदा यूनीवर्सिटी
स्नातक राजनीति विज्ञान के प्रश्न पत्र में पूछे गए सवाल से हैं खफा
नोएडा। गौतम बुद्ध नगर जिले के नोएडा में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी हिन्दूवादी संगठनों के निशाने पर आ गई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस यूनिवर्सिटी के स्नातक (बीए) के राजनीति विज्ञान के साल 2021-2022 सत्र के प्रश्न पत्र में हिन्दुओं की तुलना फासीवादियों से की गई है। यह हिन्दूवादी संगठनों को अखर गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल इस प्रश्न पत्र के पाँचवें नंबर पर सवाल किया गया है कि धर्मान्तरण के मूल कारण क्या हैं? वहीं, छठे नंबर पर पूछा गया है कि ”क्या आपको नाजीवादी, फासीवादी और हिंदुत्व में कोई समानता दिखती है?’ प्रश्न पत्र में दोनों सवालों का उत्तर विस्तार से देने के लिए कहा गया है।
हिन्दूवादी संगठनों का कहना है कि भारत के इस यूनिवर्सिटी का नाम हिन्दू देवी के ऊपर रखा गया है परन्तु प्रश्न पत्र पर पूछे गए प्रश्नों से इस यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ताओं की मानसिकता किस दिशा में है, यह स्पष्ट हो गया है।
अब हिन्दू संगठनों ने सवाल पूछा है कि अब सवाल पूछने की बारी हमारी है। उन्होंने पूछा है कि वे कौन से तत्व हैं जिनके दबाव, समर्थन और संरक्षण में इस यूनिवर्सिटी में ऐसी बहुसंख्यक विरोधी गतिविधियां चल रही हैं? यह भी पूछा गया है कि ऐसे बहुसंख्यक वर्ग के विरुद्ध कार्य करने वाले यूनिवर्सिटी को भारत में चलाने पर क्यों नहीं कार्यवाही की जाए और इसे बंद कर दिया जाए?