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सुप्रीम कोर्ट से स्टेट बैंक को झटका, अगले 24 घंटे में इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने के निर्देश

नोएडा/दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक को झटका दे दिया है। कोर्ट ने स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अब तक किए गए योगदान के सभी विवरण 12 मार्च तक चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए है। साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 15 अप्रैल तक अपनी वेबसाइट पर जानकारी साझा करे

जानिये क्या है Electoral Bonds स्कीम, कब हुई थी शुरुआत

चुनावी बॉन्ड्स की अवधि केवल 15 दिनों की होती है जिसके दौरान इसका इस्तेमाल सिर्फ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत पंजीकृत राजनीतिक दलों को दान देने के लिए किया जा सकता है। केवल उन्हीं राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा दिया जा सकता है ,जिन्होंने लोकसभा या विधानसभा के लिए पिछले आम चुनाव में डाले गए वोटों का कम से कम एक प्रतिशत वोट हासिल किया हो।2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया था। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड को रद्द करने के निर्देश दिए थे।

पार्टियों को चंदा देने वालों की डिटेल जनता के आएगी सामने
सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को झटक देते हुए कहा कि फिलहाल अवमानना के निर्देश नहीं दिए गए है, अगर कल तक बैंक जानकारी साझा नहीं करता है तो यह कार्रवाई भी की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है । चुनाव आयोग को 15 मार्च तक बैंक के दिए गए डाटा को वेबसाइट पर डालना है। कोई भी व्यक्ति इस डाटा को वेबसाइट से हासिल कर सकता है।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

Aashish Gupta

आशीष गुप्ता ने जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है और राजनीतिक विज्ञान में MA करने के बाद वह राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण जैसे देश के प्रमुख समाचार संस्थानों में कार्यरत रहे। 2015 में पीआर कंपनी मेक यू बिग मीडिया प्राइवेट की स्थापना करने के बाद 2021 में फ़ेडरल भारत की शुरुआत की।

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