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श्रीमद भागवतः सुदामा चरित व परीक्षित मोक्ष कथाओं का किया वर्णन

नोएडा के सेक्टर-93 स्थित श्रमिक कुंज-प्रथम में श्रीमद भागवत कथा का सातवां दिन, कथा व्यास विनोद कृष्ण जी महाराज कर कथाओं का वर्णन

नोएडा। नोएडा के सेक्टर-93 स्थित श्रमिक कुंज प्रथम में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास विनोद कृष्ण जी महाराज ने सुदामा चरित और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। कथानक के अनुसार सुदामा जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। वह भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। गरीबी के बावजूद हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते थे। उनकी पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार-बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं। उनसे जाकर मिलो। शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के बार-बार कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राह्मण आया है तो श्रीकृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङ़कर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते हैं। उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सिंहासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं।

अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते हैं। इसी के साथ कथा का विराम हो गया।

कल होगा हवन यज्ञ

आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 15 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 9 बजे से हवन यज्ञ होगा और 12 बजे से विशाल भण्डारे का आयोजन होगा ।                              इस अवसर पर समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे, मुख्य यजमान श्यामानंद मिश्रा, पंडित महादेव शर्मा, पंडित महेश पाठक शास्त्री, रवि राघव, सुशील पाल, गोरेलाल, राजेश ध्यानी, महेंद्र कौशिक, बालेंद्र सिंह, संटू मिश्रा सहित तमाम भगवत्प्रेमी भक्तजन मौजूद रहे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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