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स्मार्ट पुलिसिंगः अपराधियों के लिए सिरदर्द साबित होगा जियोस्पेशियल (Geospatial) डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म

पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को दिया जियोस्पेशियल (Geospatial) डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म से वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से दिया प्रस्तुतिकरण

नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सावन के महीने में कवांड़ यात्रा, बक़रीद व अन्य त्योहारों की तैयारी, क़ानून व्यवस्था के सिलसिले में आयोजित वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने स्मार्ट पुलिसिंग के लिए जियोस्पेशियल (Geospatial) डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म से प्रस्तुतिकरण दिया।

क्या है यह प्लेटफार्म

यह प्लेटफार्म स्मार्ट पुलिसिंग और माइक्रोप्रिडिक्टिव पुलिसिंग के लिए बेहतर इंटरफ़ेस उपलब्ध कराएगा। इस पहल से अपराधों को चिन्हित करने, संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करने, महिला संबंधित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। स्मार्ट पुलिसिंग प्लेटफार्म में अपराध संबंधित आंकड़े ऐसे हॉट स्पॉट (hotspot) जो महिला संबंधित अपराधों और चोरी के स्थानों, संभावित अपराध आदि को मैप के माध्यम से प्रदर्शित कर सकेगा।

ये है मुख्य विशेषता

इसकी मुख्य विशेषता यह रहेगी कि आसानी से आपराधिक घटनाओं की निगरानी की जा सकेगी। अपराध के हॉट स्पॉट की पहचान, अपराध की फ्रिक्वेन्सी तथा ऐसे प्लेटफार्म को यह उजागर करेगा जिससे पुलिस को उन स्थानों पर आवश्यक संसाधन व निगरानी में वृद्धि की आवश्यकता होगी। इस प्लेटफार्म से पूरे क्षेत्र में इकोनामिक प्रोफाइलिंग(econoic profiling) की जा सकेगी  जिससे सम्भावित जोखिम कारकों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। आपराधिक घटनाएं, हॉट स्पॉट और अन्य कारक आदि का पूरा डेटा व्यापक मैप के माध्यम से प्रदर्शित हो सकेगा जो पुलिस को वास्तविक स्थिति के करीब ले जाएगा। इसमें कई तरह की उपयोगी सुविधाएं जैसे ब्रेसमैप (Basemap) जिनमें सड़क के नाम स्थलों, अन्य चिन्हित स्थानों की जानकारी व्यापक रूप से प्रदर्शित होगी। आंकड़े विजेट (stats widget) जिसमें आपरधिक घटनाओं की संख्या, श्रेणियां व कई तरह के रूझानों के बारे में जानकारी तत्काल मिल जाया करेगी।

ये भी जानकारी मिल सकेगी

स्मार्ट पुलिसिंग पहल के तहत थाना स्तर पर एरिया स्पेसिफिक अपराध मैपिंग (Area Specific crime maping), पुलिस स्टेशनों का तुलनात्मक आंकड़े जिनमें पुलिस का संख्या बल, वाहन संख्या, महिला पुलिस कर्मियों की संख्या, घटित अपराध की संख्या आदि के बारे में जानकारी मिल सकेगी जिससे आवश्यकता के अनुसार थाना स्तर पर संसाधनों में वृद्धि करने में सहयोग मिलेगा।

क्या है इसका उद्देश्य

स्मार्ट पुलिसिंग का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की पुलिसिंग को अपडेट कर वर्तमान में गठित अपराधों की प्रवृत्ति को पहचान कर पुलिस को भी अपडेट करना है जिससे अपराध नियंत्रण, संभावित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाते हुए आम लोगों को पूरी सुरक्षा दी की जा सके।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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