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समाधानः रिश्तों में मिठास घोल रही नोएडा पुलिस क्लीनिक

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इसी तरह के पुलिस क्लीनिक चलेंगे

नोएडा। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसी में विशेष तरह का क्लीनिक भी शामिल है। इसे फैमिली डिस्प्यूट रेसोलुशन क्लीनिक कहा जाता है। आज नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में दूसरे स्थापना दिवस का आयोजन किया जिसमें नोएडा के कमिश्नर आलोक सिंह और शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

कैसे काम करता है सेंटर

इस सेंटर पर पारिवारिक विवाद, घरेलू हिंसा के बढ़ते प्रकरणों के मद्देनजर घरेलू विवाद, घरेलू हिंसा, लिव इन रिलेशनशिप के विवाद को मध्यस्ता से सुलझाने के लिए रेफर किए जाते हैं। शारदा यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के विशेषज्ञों और नोएडा पुलिस के पैनल कपल को मध्यस्ता की सेवाएं देते हैं। इन विशेषज्ञों में मनोवैज्ञानिक, मनोचिकित्सक और कानून के विशेषज्ञ उपस्थित रहते हैं।

क्या कहते हैं पुलिस आयुक्त

गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह का कहना है कि परिवार समाज का सबसे बड़ा हिस्सा है और अच्छे समाज के लिए स्वस्थ परिवार की बड़ी जरूरत भी है। छोटी-छोटी गलतफहमियां परिवारों को बिखेर देती हैं। पति-पत्नी के बीच कम्युनिकेशन गैप पैदा हो जाता है। हमारा फैमिली डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन क्लीनिक रिश्तों को कायम कर रहा हैं, उन्हें टूटने से बचा रहा है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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