SOS की बैठक : सुपरटेक इको विलेज-1 में फैसिलिटी की मनमानी से लगा समस्याओं का अंबार, अवैध वसूली का आरोप, सिक्योरिटी फेल
ग्रेटर नोएडा वेस्ट(फेडरल भारत नेटवर्क): सुपरटेक इकोविलेज़-1 में समस्याओं और असुविधाओं का अंबार लग गया है। इनके समाधान के लिए सर्वजन शांतिपूर्ण आंदोलन (SOS) आयोजित बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा की गई और कहा गया है कि मेंटीनेंस चार्ज के रूप फैसिलिटीज को करोड़ रुपये माह मिलते हैं, उसके बावजूद सोसाइटी में समस्याओं को निदान नहीं हो पा रहा है।
बढ़ रही हैं सोसाइटी में दिक्कतें
काफी दिनों से इकोविलेज़-1 सोसायटी में समस्याओं में बेहद इज़ाफ़ा हुआ है। आंदोलन टीम द्वारा यह कहा गया कि इस अधूरी सोसायटी में अधूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर पूरे एवं ठीक होने तो दूर अब निवासियों द्वारा मासिक शुल्क के रूप में जमा होने वाले करोड़ो रुपयों का इस्तेमाल भी रखरखाव में नही कर रही मौजूदा फैसिलिटी। फसिलिटी सिर्फ मालिक की तिजोरी भरने का काम कर रही है, जिसका असर है कि फैसिलिटी में स्टाफ मनमानी कर रहा है।
सिक्योरिटी की लापरवाही
इको विलेज-1 में सिक्योरिटी की काफी गंभीर समस्या है। जिस वजह से सोसाइटी में आए दिन कोई न कोई घटनाएं हो रही हैं। सिक्योरिटी गार्डों की संख्या सदैव पूर्ण नही होती। बहुत सारी सिक्योरिटी की पोस्टें खाली रहती हैं। चह लाख से ऊपर का दाम देकर रिज़र्व पार्किंग खरीदे लोगों की पार्किंग में कोई भी गैरकानूनी तरीके से अपने वाहन लाकर खड़ी कर देता है, वजह है, नॉन स्टीकर गाड़ियों की धड़ल्ले से सोसायटी में बेरोक टोक एंट्री। सैकड़ों नॉन स्टीकर गाड़ियां यहाँ प्रतिदिन गैरकानूनी तरीके से पार्क होकर वास्तविक अलॉटी लोगों के अधिकारों का हनन करती रहती हैं।
ओपन एरिया पार्किंग का विवाद
फैसिलटी ने निवासियों को बरगलाने के लिए, ओपन एरिया की पार्किंग (जिसको नियमानुसार किसी को अलॉट नही किया जा सकता, यह ओपन पार्किंग फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व बेसिस पर होती है, प्रमुखता से गेस्ट पार्किंग भी यही होती हैं) को रिज़र्व करते जा रहा है, जिससे समस्याएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं, अब तो सोसायटी के भीतर सड़क पर 1 या 2 लाइन पार्किंग होना आम हो गया है, निवासियों को चलने फिरने तक में भी दिक्कत हो रही है। ग़ौरतलब हो कि बिल्डर/ फैसिलिटी ने बेसमेंट में बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जिनकी पार्किंग को कंप्लीट करके अभी खोला तक नही है। निवासियों की मांग है ओपन एरिया में पार्किंगों का जो भी मालिकाना अलॉटमेंट किया जा रहा है अविलम्ब बंद हो, एवं अब तक जितने भी ओपन एरिया की पार्किंग का रिज़र्व अलॉटमेंट किया गया है उन लोगों की ओपन पार्किंग को नीचे बेसमेंट में शिफ्ट किया जाए। खुली ओपन पार्किंग को ‘फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व’ यथावत रखा जाए।
गैरवाजिब शुल्क वसूलने का आरोप
आन्दोलन टीम ने, फैसिलिटी द्वारा ग़ैरवाजिब वसूले जा रहे अनैतिनक शुल्कों पर भी घोर आपत्ति दर्ज की, और इनपर प्रतिबंध लगाने पर विचार विमर्श किया। इसके अलावा, फैसिलिटी के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, और समाधान के लिए रणनीति बनी, जिसमें प्रमुख है, फेक फैमिली बताकर बैचलर किरायेदारों को फ्लैट दिलवाने पर रोकथाम, सोसायटी के अनरजिस्टर प्रोपेर्टी डीलरों पर रोक लगना, मेन गेट पर थर्ड पार्टी-गार्ड, हार्टीकल्चर, टॉवरों का बाह्य मेंटीनेंस, रखरखाव, हाउसकीपिंग, पानी, बिजली, लीकेज, सीपेज, पार्किंग व अन्य, इत्यादि अनेक समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
समाधान न होने पर आंदोलन की धमकी
गौरतलब हो कि इसी आन्दोलन/ SOS टीम ने NCLAT कोर्ट में इन्ही समस्याओं बाबत IA फाइल कर रखा है जो की अब रजिस्टरी हो चुका है और IA नंबर आ गया है। अधिकारों को पाने के लिए कानूनी लड़ाई चल रही है।आन्दोलन टीम का कहना है, सोसायटी के निवासी समस्याओं से आजिज आ गए हैं और अब एकबार फिर से फैसिलिटी/ बिल्डर से आमना सामना करने को तैयार हैं, या समस्याओं का समाधान करे या इस सोसायटी से रास्ता नापे। आवश्यकता हुई तो इस बार पहले से बड़ा आन्दोलन करेंगे और केंद्र व राज्य सरकार, सब जगह अपनी आवाज़ बुलंद करके वाज़िब माँग पहुंचाएंगे।