नोएडा : उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का मास्टरमाइंड को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, NHM घोटाले से भी जुड़ा था आरोपी का नाम
नोएडा : नोएडा एसटीएफ की यूनिट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। राजीव नयन मिश्रा पहले भी पेपर लीक में शामिल रहा हैं। वह ऐसे ही मामलों में जेल भी जा चुके हैं। उसकी गिरफ्तारी से पहले यूपी पुलिस और एसटीएफ दोनों कई दिनों से उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी।
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 17 फरवरी और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। भर्ती परीक्षा 60,000 से अधिक पदों को भरने के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षाएं यूपी के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर आयोजित की गईं। न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों से भी इच्छुक उम्मीदवार यूपी कांस्टेबल परीक्षा के लिए उपस्थित हुए।
हालांकि, पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। रद्द होने के बाद से, कानून प्रवर्तन सक्रिय रूप से पेपर लीक में शामिल व्यक्तियों का पीछा कर रहा है। मामले के संबंध में 300 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर कथित तौर पर एक प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से लीक हो गया था। पेपर के प्रिंटिंग प्रेस से निकलने और परिवहन कंपनी के पास पहुंचने के बाद यह लीक हो गया।
पेपर लीक से संबंधित कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रही थीं। इसके बाद कांस्टेबल भर्ती बोर्ड ने मामले की जांच शुरू की। नतीजतन, उत्तर प्रदेश सरकार ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द करने का फैसला किया और जांच यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी गई।
प्रयागराज का रहने वाला है मुख्य आरोपी
एसटीएफ की टीम ने कंकडखेड़ा मेरठ से आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार किया है। वह मूलरूप से यूपी के प्रयागराज का रहने वाला है। गौरतलब है कि यूपी पुलिस पेपर लीक मामले में अब तक 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वह 97 भरत नगर जेके रोड भोपाल में रह रहा था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि राजीव ने गुड़गांव के अलावा रीवा के भी एक रिसोर्ट में अपने गैंग के साथ पेपर पढ़वाया था। यह पहले भी कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवा चुका है। उसका नाम एनएचएम (NHM) घोटाले से भी जुड़ा था।