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उपेक्षा का दंश : ग्रेटर नोएडा सेक्टर-1 में सड़कों की स्थिति बद से बदतर, सांसद महेश शर्मा को नहीं क्षेत्र की परवाह

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वर्क सर्किल तीन के अंतर्गत आने वाले सेक्टर-1 की हाईराइज सोसाइटियों पंचशील हाइनीस, स्टेलर वन, सुपरटेक इको विलेज-1 और अरिहंत आर्डन की बदहाल सड़कों को लेकर रेजीडेंट संजय कुमार शर्मा ने आरटीआइ दाखिल करके ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा और सवाल किया है कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, परंतु डेढ़ वर्ष का लंबा समय बीतने पर भी सड़कों की बदहाली को दूर नहीं किया जा सका है। स़ड़कों पर गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिनकी वजह से लोगों का आवागमन दुश्वार है।

अथारिटी के कामकाज पर उठे सवाल
संजय कुमार शर्मा ने आरटीआइ के अथारिटी की ओर से मिले जवाब की प्रतिलिपि सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर टैग करते हुए ग्रेटर नोएडा अथारिटी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि पिछले डेढ़ साल में कई बार विकास के माडल के दावे पेश किए गए, लेकिन सेक्टर एक की बदहाल सड़कों की वजह से हजारों लोगों का जीवन मुश्किल में है। संजय ने अपने एक्स अकाउंट पर इन बदहाल सड़कों की तस्वीरें भी शेयर की हैं।

सांसद महेश शर्मा पर भी विकास कार्यों की उपेक्षा का लगाया आरोप
रेजीडेंट संजय कुमार शर्मा ने क्षेत्रीय भाजपा सांसद महेश शर्मा से भी सवाल पूछा है कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, फिर भी आमजन की समस्याओँ एवं दिक्कतों से आपको कोई सरोकार नहीं है। स्थानीय लोगों ने भी सांसद पर क्षेत्र की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने कभी सांसद को क्षेत्र का दौरा करते नहीं देखा, फिर नोएडा की समस्याएं कैसे नजर आएंगी।

आरटीआइ में दिया हास्यास्पद जवाब
ग्रेटर नोएडा अथारिटी के जनसूचना संपर्क अधिकारी व वर्क सर्किल तीन के वरिष्ठ प्रबंधक ने संजय शर्मा की आरटीआइ का काफी हास्यास्पद जवाब देते हुए लिखा है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वजह से आदर्श आचार संहिता लागू होने पर सड़कों की रिसरर्फिंग के लिए ईटेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो जा सकी। जबकि यहां की सड़कों की यह खराब स्थित पिछले लगभग डेढ़-दो साल से है और चुनाव आदर्श आचार संहिता अप्रैल 2024 में लागू हुई, जो चार जून को समाप्त हो गई थी। यानी आदर्श आचार संहिता हटे डेढ़ माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन प्राधिकरण को आम लोगों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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