सूबेदार मेजर पवन जरियाल का शहीद: सेवानिवृत्ति से पहले देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी

नोएडा: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में हिमाचल प्रदेश के सूबेदार मेजर पवन जरियाल (48) वीरगति को प्राप्त हो गए। सूबेदार मेजर पवन जरियाल, जो शाहपुर के सिहोलपुरी गांव के निवासी थे, सीमा पर तैनात थे। उनके बलिदान की सूचना सेना ने परिवार को दी।
सेवानिवृत्ति से पहले देश के लिए दी कुर्बानी
सूबेदार मेजर पवन जरियाल दो महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनके परिवार में पिता गरजो सिंह, पत्नी सुषमा देवी, पुत्र अभिषेक कुमार और बेटी अनामिका हैं। अभिषेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि अनामिका कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं। सूबेदार मेजर पवन के पिता भी पूर्व सैनिक रह चुके हैं।
प्रशासन का संवेदनात्मक कदम
कांगड़ा के जिलाधीश हेमराज बैरवा ने बताया कि शहीद के घर एसडीएम शाहपुर को भेजा गया है, ताकि परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान की जा सके। प्रशासन इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ा है।
मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया शोक
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सूबेदार मेजर पवन जरियाल की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सूबेदार मेजर पवन ने देश की एकता और संप्रभुता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
राज्य सरकार प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
कृतज्ञ राष्ट्र करेगा बलिदान को याद
सूबेदार मेजर पवन जरियाल के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। उनके साहस और वीरता की कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।