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बिहार

सुब्रत राय को पटना हाई कोर्ट से तगड़ा झटका

कोर्ट के कड़े आदेश के बाद भी हाजिर नहीं हुए अपनाया कड़ा रुख

पटना। सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा को हाई कोर्ट से झटका। निवेशकर्ताओं को रुपये वापस नहीं लौटाने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा को किसी भी दशा में 13 मई को सुबह साढ़े दस बजे हाज़िर होने के लिए कहा था। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। इसके बाद हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया और राय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।

निवेशकर्ताओं के रुपये नहीं लौटाने के मामले में पटना हाईकोर्ट पहले भी दायर किए गए अंतरिंम आवेदन को ख़ारिज कर दिया था। इसके साथ ही राय को 13 मई शुक्रवार सुबह 10.30 बजे किसी भी हाल में हाज़िर होने के लिए कहा था। उन्हें सख्त निर्देश मिलने के बावजूद आज वह हाज़िर नहीं। जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने उनके ख़िलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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