मुश्किल में सुपरटेक बिल्डर,फ्लैट मालिक की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच, किसी वक़्त भी हो सकती है एफआईआर
फ्लैट के असली मालिक होने का दावा करने वाले विवेक अस्थाना ने बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को तहरीर दी है, पुलिस को बिल्डर को पैसे देने का सारा रिकॉर्ड भी दे दिया है।
ग्रेटर नोएडा : फ्लैट के पैसे लेकर पजेशन मालिक को नहीं देना सुपरटेक को भारी पड़ सकता है। फ्लैट मालिक ने बिल्डर के खिलाफ दिल्ली पुलिस से शिकायत की है। जांच के बाद पुलिस बिल्डर के खिलाफ किसी भी वक़्त एफआईआर कर सकती है।
दिल्ली के विकासपुरी निवासी विवेक अस्थाना ने वर्ष 2013 में सुपरटेक इकोविलेज एक में एक फ्लैट बुक कराया था। विवेक ने फ्लैट खरीदने के लिए एक्सिस बैंक से लोन लिया। 95 प्रतिशत फ्लैट का पैसा बैंक ने सुपरटेक को दे दिया। जिसके बदले विवेक बैंक को हर महीने EMI देते रहे। दो दिन पहले सुपरटेक के किसी कर्मचारी से विवेक को सूचना मिली कि उनके फ्लैट में कोई रह रहा है। विवेक को लगा कि कर्मचारी को कोई ग़लतफ़हमी हुई है।विवेक जानते थे कि अभी जिस फ्लैट की पज़ेशन नहीं मिली है, उसमें कोई कैसे रह सकता है, फिर भी विवेक ने अपने एक रिश्तेदार को सोसाएटी में भेजा तो सुपरटेक के फर्जीवाड़े की असलियत सामने आ गयी। सुपरटेक ने बी -17 टावर के 1905 जो कानूनी रूप से विवेक का था, वो किसी और को बेच दिया। विवेक ने फ़ेडरल भारत से बातचीत के दौरान बताया कि फ्लैट जिस व्यक्ति को बेचा गया है वो खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बता रहा है। फिलहाल फ्लैट पर सुप्रीमकोर्ट के कथित वकील का कब्ज़ा है और वह परिवार के साथ यहाँ रह भी रहे हैं।फ्लैट के असली मालिक होने का दावा करने वाले विवेक अस्थाना ने बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को तहरीर दी है, पुलिस को बिल्डर को पैसे देने का सारा रिकॉर्ड भी दे दिया है। बताया जा रहा है कि बिल्डर के खिलाफ कभी भी दिल्ली पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ कर सकती है।