Supertech Ecovillage-1 : अवैध वसूली की नई एजेंसी ने ली एंट्री, जानिए क्या है ग्रेविटी का पूरा इतिहास
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल सोसाइटी सुपरटेक इको विलेज-1 में मेंटेनेंश का सारा कामकाज एक नई कंपनी ने संभाल लिया है, जिसका नाम है ग्रेविटी। काम संभालते ही इस कंपनी पर अवैध वसूली के आरोप लगने शुरू हो गए। एजेंसी ने किराएदारों से अवैध वसूली कर परेशान करना शुरू कर दिया है, खबर आई है कि किरायेदारों से शिफ्टिंग के नाम पर नई एजेंसी ग्रेविटी द्वारा 2 हजार रुपये लिया जा रहा है। तो आइए इस कंपनी के बारे में आपको बताते है…समझते है कि इससे जुड़े लोगों के बारे में।
ग्रेविटी का पूरा इतिहास
सुपरटेक इकोविलेज सोसायटी में मेंटेनेंस का काम संभाल रही ग्रेविटी सुविधा प्रबंधन समाधान प्राइवेट लिमिटेड (gravity facility management solutions private limited) के निदेशक गुलाम सरवर और शाहरुख शमशाद हैं। ग्रेविटी फैसिलिटी मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड एक निजी कंपनी है। इसे गैर-सरकारी कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, उत्तराखंड में पंजीकृत है।
कौन हैं गुलाम सरवर
गुलाम सरवर भारतीय कंपनियों में निदेशक के रूप में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में वह भारत में 4 कंपनियों में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह जिन कंपनियों से जुड़ा है, वे विभिन्न उद्योगों से जुड़ी हैं, जैसे अन्य सेवा गतिविधियां, व्यावसायिक सेवाएं, मनोरंजक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां, निर्माण आदि। जिन कंपनियों में वह निदेशक है, उनमें क्विकमैन सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेविटी फैसिलिटी मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, किफ-कराटे इंडिया फेडरेशन और टोटल-टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।
कौन हैं शाहरुख शमशाद
शाहरुख शमशाद भारतीय कंपनियों में निदेशक के रूप में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में वह भारत में 2 कंपनियों में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह जिन कंपनियों से जुड़ा है, वे विभिन्न उद्योगों जैसे बिजनेस सर्विसेज, शिक्षा आदि से जुड़ी हैं। जिन कंपनियों में वह निदेशक है, उनमें ग्रेविटी फैसिलिटी मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और विक्टर माइक एयरोटेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।
मेंटिनेंस शुल्क में कटौती का किया था ऐलान
बता दें कि इस कंपनी ने आते ही रेजिडेंट को बड़ी राहत देते हुए मेंटिनेंस शुल्क में कटौती का ऐलान किया है। एजेंसी ने यूपीआइ(UPI) के माध्यम से भी मेंटनेंस शुल्क जमा करने की सुविधा पुन: शुरू कर दी। लेकिन इन सब के साथ ही अवैध वसूली करने का मामला लोगों की चिंता को बढ़ा रहा है।
भारी असंतोष के बाद वाइजी एस्टेट को हटाया
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे बड़ी और चर्चित सोसाइटी सुपरटेक इकोविलेज-1 में वाइजी एस्टेट की मनमानी को लेकर रेजिडेंट में जबरदस्त असंतोष था। रेजिडेंट लंबे समय से पुरानी मेंटेनेंस कंपनी वाईजी एस्टेट पर आरोप थे कि कंपनी ने सोसाइटी के रखरखाव और सेवाओं में लापरवाही बरती और कई बार निवासियों से अवैध वसूली के मामले भी सामने आए। पिछले कुछेक वर्षों में सोसाइटी में बिजली कटौती, लिफ्टों का खराब संचालन, स्वच्छता की कमी और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं प्रमुख थीं। इन मुद्दों के चलते निवासियों को कई बार प्रदर्शन और शिकायतें करनी पड़ीं। रेजिडेंट ने वीजी एस्टेट को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था।