दिल्ली शराब घोटाले में सांसद संजय सिंह को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश, ईडी से पूछा यह सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के उनके आवास पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था।
शीर्ष अदालत ने सिंह की रिहाई का आदेश तब दिया जब ईडी ने कहा कि उसे इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं है। जज संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और पीबी वराले की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि सिंह जमानत पर बाहर रहने के दौरान राजनीतिक गतिविधियां करने के हकदार होंगे। शीर्ष अदालत ने आगे उल्लेख किया कि आदेश को एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाएगा। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी जमानत मामले में गुण-दोष पर गौर किए बिना रियायत देगी।
ईडी ने नोट किया कि उसने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 के तहत एक जांच रिपोर्ट के बाद कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान आप के राज्यसभा सांसद को जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई। ईडी ने आरोप लगाया कि कारोबारी दिनेश अरोड़ा के एक कर्मचारी ने सिंह के घर पर दो बार में 2 करोड़ रुपये पहुंचाए। संजय सिंह को अरोड़ा के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था, जो ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में सरकारी गवाह बन गए थे। केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि उसके पास सिंह का सामना करने के लिए डिजिटल सबूत हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा यह सवाल
संजय सिंह को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से कई सवाल भी किए। ईडी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि संजय सिंह छह महीने से जेल में हैं। उनसे कोई पैसा नहीं बरामद हुआ है। अब भी ईडी संजय सिंह को हिरासत में रखना चाहती है। संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके खिलाफ कोई बयान नहीं था। कभी चार्जशीट में बतौर आरोपी नाम नहीं लिया गया। सिर्फ 2 मौकों पर कहा गया कि एक करोड़ रुपये लिए गए। सब आरोप पूरी तरह से वेग हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्ते निचली अदालत तय करेगी।