सुप्रीम कोर्ट ने महेश शर्मा के निर्वाचन पर उठाए सवाल : नोटिस जारी, मार्च में होगी अगली सुनवाई
Noida News : गौतमबुद्ध नगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद डॉ. महेश शर्मा के निर्वाचन पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह याचिका गीता रानी शर्मा ने दाखिल की थी, जिन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में भाग लिया था। उनका आरोप है कि निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन गलत तरीके से खारिज किया, जिसके कारण उन्हें चुनाव में भाग लेने का मौका नहीं मिला।
हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर
गीता रानी शर्मा ने पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को प्रतिवादी की सूची से हटा दिया। कोर्ट ने महेश शर्मा को नोटिस जारी किया था, लेकिन इस निर्णय को चुनौती देते हुए गीता रानी शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंची।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी और महत्वपूर्ण निर्देश
गुरुवार (2 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार शामिल थे, ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने यह माना कि चुनाव आयोग और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी इस मामले में अनिवार्य पक्षकार हैं, क्योंकि इन दोनों के जवाब से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि गीता रानी शर्मा का नामांकन क्यों खारिज हुआ। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने इन दोनों को नोटिस जारी न करके गलती की थी।
अगली सुनवाई मार्च में
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई मार्च के अंतिम सप्ताह में तय की है। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग, नोएडा के जिलाधिकारी, डॉ. महेश शर्मा और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उन्हें जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
महेश शर्मा की राजनीतिक यात्रा
डॉ. महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं और वे पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 5.50 लाख मतों के विशाल अंतर से जीत हासिल की थी। अब उनके निर्वाचन पर सवाल उठाए जाने से राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का माहौल बन गया है।