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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगर

काम को गंभीरता से लें, खुद पर हावी न होने देः आलोक सिंह

स्वास्थ्य जांच शिविर में पुलिस कर्मियों ने कराई जांच, सलाह भी दी गई

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर लगाए स्वास्थ्य जांच शिविर ने पुलिस कर्मियों ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई। इस दौरान उन्हें स्वस्थ्य रहने के तरीके और बीमारियों से बचाव के तरीके भी बताए गए। शिविर में पुलिस कर्मियों को मुफ्त में पूरे शरीर की जांच की गई। इनमें किडनी, हार्ट,  लिवर,  डायबिटीज एवं खून की जांच, बीडीएम शामिल है। पुलिस कर्मियों को सभी तरह के मुफ्त डॉक्टर परामर्श दिए गए। इनमें फिजिशियन, चेस्ट फिजिशियन, कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रो, कैंसर, सर्जरी, गायनेकोलोजी, ईएनटी, स्किन, आई, ऑर्थो, फिजियोथेरेपी, चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डेंटल एवं डाईटीशियन आदि शामिल हैं।

शिविर में फेलिक्स हॉस्पिटल से नौ चिकित्सक, 17 नर्सिंग/मार्केटिंग स्टॉफ द्वारा 375 पुलिस एवं उनके परिजनों के फुल बॉडी चैकअप किए गए। विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पुलिस कर्मियों को स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं के सम्बन्ध में परामर्श दिए गए।

इस मौके पर चिकित्सकों ने  कहा कि भारत में 70 प्रतिशत लोगों में हाईपरटेंशन बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं। 42 प्रतिशत शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण लोग हाईपरटेंशन की बीमारी से जूझ रहे हैं। 30 प्रतिशत मरीज ही दवा का प्रयोग करते हैं। समाज में हाइपरटेंशन (तनाव) के प्रति जागरूकता जरूरी है ताकि आगे होने वाले घातक परिणामों से बचा जा सके।

पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने पुलिस कर्मियों से कहा

कि वे काम को गंभीरता से लें लेकिन काम को खुद पर हावी नहीं होने दें। उन्होंने कहा कि हम सभी को हाइपर टेंशन से दूर रहना है। इस खतरनाक बीमारी से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव लाना होगा। हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर से अब किशोर और युवा भी पीड़ित हो रहे हैं। साइलेंट किलर के रूप में हाइपरटेंशन मौत का मुख्य कारण बन चुका है। उन्होंने सह कर्मियों से कहा कि हम दिन रात बहुत बड़ी जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते अपना ध्यान रखना भूल जाते हैं पर हमें हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों को दूर रखने के लिए खुद के व्यायाम पर भी ध्यान देना चाहिए।

इस अवसर पर फेलिक्स अस्पताल के संस्थापक डॉ. डीके गुप्ता ने कहा कि काम को आसान बनाने के लिए हमे एक दिन पहले ही काम को कैलेंडर में शेडूल कर लेना चाहिए इससे हमे काम करने में आसानी रहती है और स्ट्रेस भी नहीं रहता। उन्होंने  बताया कि हाइपरटेंशन को उच्च ब्लड प्रेशर के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां आपकी धमनी दीवार के खिलाफ खून की शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। ब्लड प्रेशर आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जो दिल को पंप करता है। यदि धमनियां संकीर्ण हैं और दिल अत्यधिक मात्रा में रक्त पंप करता है, तो दबाव अधिक होता है। हाईपरटेंशन बिना किसी स्पष्ट लक्षण के कई सालों तक विकसित हो सकता है। जो उच्च ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिसमें समय पर इलाज नहीं होने पर मृत्यु हो सकती है। इसलिए इसकी अवेयरनेस अति आवश्यक है।

फेलिक्स अस्पताल की डॉक्टर नूपुर जैन ने कहा रोजाना तीस मिनट का व्यायाम और सही खानपान हाईपरटेंशन से बचा सकता है। जीवनशैली में बदलाव करके साइलेंट किलर से बचा सकता है। हाईपरटेंशन सभी को प्रभावित करता है। आज कल बढ़ता धूम्रपान भी इस बीमारी रूपी आग को हवा दे रहा है। उच्च रक्तचाप का अचानक बढ़ना व घटना गुर्दे, आंखें व हृदय घात जैसी महत्वपूर्ण तंत्र को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। एक सामान्य व्यक्ति को भी नियमित रूप से अपनी जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह साइलेंट किलर बीमारी है। बहुत से लोगों को इस बात का पता ही नहीं होता कि वह इसकी चपेट में आ चुका है। हाईपरटेंशन पर काबू करके दिल का दौरा, हृदय की विफलता, स्ट्रोक, परिधीय धमनी की बीमारी और गुर्दे की बीमारी जैसे खतरों से बचे रह सकते हैं।

 

हाई बीपी के मरीज भूलकर भी न करें ये गलतियां

वेट लिफ्टिंग, स्कूबा डाइविंग, स्काई डाइविंग, स्क्वैश और स्प्रिंट करना जैसी एक्टिविटीज हाई बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक स्थितियां पैदा कर सकती हैं, इन्हें करने से बीपी काफी तेजी से बढ़ने लगता है। इन्हें अवॉयड करना चाहिए। इसके अलावा किसी एक्सरसाइज को करते समय अगर सिरदर्द, चक्कर, थकान या उल्टी जैसी परेशानी महसूस हो रही है, तो आपको उस एक्सरसाइज को फौरन बंद कर देना चाहिए. हाई बीपी के मरीजों को किसी विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद ही कोई एक्सरसाइज करनी चाहिए।

 

हाईपरटेंशन के प्रमुख कारण

-मोटापा

-अधिक वजन

-धूम्रपान

-खराब जीवन शैली

-अधिक नमक का सेवन

-ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन

-हाईपरटेंशन का पारिवारिक इतिहास

-अत्याधिक तनाव

 

हाइपरटेंशन के लक्षण.

-सिर दर्द

-बेचैनी

-थकान

-अनिद्रा

-आक्रोश

-घबराहट

-चक्कर आना

-शारीरिक एवं मानसिक परेशानी

-धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना

 

बचाव

-नियमित व्यायाम करें

-धूम्रपान से दूर रहे

-वजन को नियंत्रित रखें

-तनाव और चिंता से दूर रहें

-फल व सब्जियों का सेवन

 

शिविर के उद्घाटन के समय ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, लव कुमार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर, मुख्यालय, भारती सिंह, पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय/लाइन/ग्रे0नो0 डॉ0 मीनाक्षी कात्यायन, पुलिस उपायुक्त यातायात गणेश प्रसाद ,पुलिस उपायुक्त नोएडा राजेश एस0, पुलिस उपायुक्त से0नो0 हरीश चन्द्र, पुलिस उपायुक्त, अपराध अभिषेक, अपर पुलिस उपायुक्त (स्टाफ अफसर) आशुतोष द्विवेदी, अपर पुलिस उपायुक्त, ग्रे0नो विशाल पाण्डेय, अपर पुलिस उपायुक्त, अभिसूचना प्रद्युम्न सिंह, अपर पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय/लाइन, इलामारन जी, सहायक पुलिस आयुक्त, लाइन अंकिता शर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त पीपी सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त अब्दुल कादिर, प्रतिसार निरीक्षक, प्रथम विक्रम सिंह चौहान, प्रतिसार निरीक्षक द्वितीय अब्दुल रशीद खान, निरीक्षक परिवहन गया शंकर शर्मा, एवं फेलिक्स हॉस्पिटल की वाइस प्रेसिडेंट डॉ0 हेमा लाल, सीनियर कंसल्टेंट डॉ0 अनिल ठकुवानी, डॉ0 रितेष अग्रवाल, डॉ0 प्रियदर्शिनी जितेन्द्र, डॉ. अनिल ठकवानी, डॉ. नूपुर जैन, डॉ. शिखा रानी, डॉ केशव गोयल, डॉ सौम्या अग्रवाल, डॉ. किरण सेठ, डॉ. योगिता, डॉ. रति , डॉ रिंकू, डॉ रितेश अग्रवाल, डॉ अदिति, डॉ चारु, डॉ. रूमाना और डॉ. नीरज एवं मार्केटिंग टीम से शिवम मिश्रा आदि भी थे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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