आतंकवादी नेता यासिन मलिक को आजीवन कारावास की सजा
टेरर फंडिंग मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाई सजा
नई दिल्ली। अलगाववादी व आतंकवादी नेता यासीन मलिक को आतंकवादी संगठनों को आर्थिक मदद (टेरर फंडिंग) मामलों के दो केस में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा चार अन्य मामलों में दस साल की सजा सुनाई गई। मलिक की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यासीन मलिक को आजीवन कारावास की मांग की गई थी।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के मुखिया यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे। इनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के अंतर्गत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच मामले की जांच कर रही राष्ट्री जांच एजेंसी (एनआईए) ने यासीन मलिक को फांसी की सजा की मांग की थी। दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
दूसरी ओर यासीन मलिक एनआईए की विशेष अदालत से आजीवन कारावास की सजा मिलने के विरोध में श्रीनगर के मैसूमा में उसके समर्थकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। यह पथराव काफी देर तक चला। श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है।